UP News: बस्ती में कुदरहा ब्लाक के तिघरा घाट पर पक्के पुल की दरकार है. ग्रामीणों ने वर्तमान विधायक पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि तिघरा घाट पर पक्का पुल नहीं होने से काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है. मनोरमा नदी का तिघरा घाट कई गांवों को ब्लॉक मुख्यालय और मुंडेरवां कुदरहा मार्ग से सीधे जोड़ता है. दस बारह गांव के लोगों का तिघरा घाट से आना जाना रहता है. पहले लोग जुगाड़ के पुल से मनोरमा नदी को पार कर लेते थे. लेकिन बाढ़ में मिट्टी का कटान हो जाने से अब बंद हो गया है.
ग्रामीणों की तिघरा घाट पर पुल की मांग
व्यवस्था बंद होने पर ग्रामीणों ने जुगाड़ की मदद ली थी. साइफन पर टूटे बिजली का पोल रख कर पुल बनाया था. सफर की दूरी कम करने के लिए डेढ़ फिट चौड़े पुल से पैदल, साइकिल और मोटर साइकिल आठ माह पहले आवाजाही की जा सकती थी. लेकिन एक वर्ष से भी बंद हो गया. नदी में बाढ़ से पुल के पास की मिट्टी बह गई. ढलान अधिक हो जाने से लोग अब आवागमन बंद हो गया है. कुछ लोग किसी तरह पैदल आते जाते हैं. पुल बनने से तिघरा, टिटिहरी, दैजी, बभनी, मसुरिहा, बिजवलिया, गौरा, रोहारी, नाऊडाड, अमरौना, अकेला, चंदरपुर, तुलसीपुर, कड़सरी मिश्र सहित अन्य गांवों को सहूलियत मिलेगी.
विधायक के खिलाफ जताई नाराजगी
ग्रामीण अंकित सिंह, लवकुश यादव, मनीराम, लालू निषाद, दीपक सिंह, राम सागर निषाद और मनीष मौर्य ने बताया कि वर्तमान विधायक ने पुल निर्माण का आश्वासन दिया था. लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर सर्वे करने भी आए थे. मगर अभी तक ढाक के तीन पात है. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव जीतने बाद जनप्रतिनिधियों का पता नहीं रहता. पुल की स्वीकृति का लंबे समय से इंतजार हो रहा है. सुभासपा विधायक दुधराम ने बताया कि निर्वाचित होने के बाद शुरू से पुल का निर्माण कराने की मंशा रही है. जनता को तकलीफ में देखकर पीड़ा पहुंचती है. मुख्यमंत्री से आठ फरवरी को मिलकर तिघरा सहित छह पुलों के निर्माण संबंधित पत्र सौंपा है. मांग स्वीकृत होने की उम्मीद है.