UP News: गर्मी की छुट्टी खत्म होने के बाद सोमवार (1 जूलाई) को यूपी के सरकारी स्कूल से लेकर निजी स्कूल खुल गए. हालांकि कुछ निजी स्कूल कछ दिन पहले ही खुल गए. इसी क्रम में बस्ती में भी आज स्कूल खुले और पहले ही दिन जिलाधिकारी ग्राउंड जीरो पर उतर गए और प्राइमरी स्कूल में पहुंचकर चॉक डस्टर उठाकर खुद शिक्षक का जिम्मा उठा लिया. इस दौरान डीएम के साधारण से सवालों का जवाब भी बच्चे नहीं दे पाए, जिसके बाद डीएम ने बच्चों को सिखाया और अध्यापकों को निर्देशित किया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाए.


डीएम के अचानक प्राइमरी स्कूल में पहुंचने से अध्यापकों में अफरा तफरी मच गई. पहले दिन बच्चो की संख्या कम दिखी. अध्यापक पठन पाठन कार्य में लगे हुए थे. जिला अधिकारी रवीश कुमार गुप्ता सदर ब्लॉक के भुवर निरंजनपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे और बच्चों को एक शिक्षक की तरह पढ़ाया.


डीएम ने स्कूल का किया निरीक्षण


सरकारी स्कूल में टीचरों की काफी कमी है. सत्र के पहले दिन निरीक्षण करने गए डीएम ने खुद बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों से बच्चों को पढ़ाने की अपील की. डीएम ने कहा कि सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षक भी समय से स्कूल पहुंचकर नौनिहालों का भविष्य संवारने में पूरी तन्मयता से जुट जाए. डीएम का पूरा जोर बच्चों के बेहतर पठन पाठन, किताबों के रखरखाव और गृहकार्य के साथ समय प्रबन्धन एवं साफ सफाई पर टिका रहा.


बच्चों से पूछे सवाल 


बस्ती जिले में तैनात डीएम रवीश कुमार मुख्यालय पर स्थित पूर्व माध्यमिक स्कूल का आज स्कूल खुलने के पहले दिन निरीक्षण करने पहुंचे. बच्चों से बात करने के बाद डीएम खुद मास्टर बन गए और छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया. डीएम की इस अनूठी पहल से छात्रों में एक उम्मीद की किरण जगी है कि अब शायद अब उन्हे गुणवत्ता पर शिक्षा मिल सके.


बच्चों को दिए सफलता के मंत्र 


डीएम के इस प्रयास की जमकर सराहना की जा रही है. डीएम ने कहा कि बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने और संवारने में शिक्षक सेतु की तरह काम करते हैं. ऐसे में शिक्षा की बुनियाद मजबूत होगी. तभी बच्चे देश के अच्छे नागरिक बनेंगे. कहा कि समाज तेजी से बदल रहा है. अगर मार्ग से थोड़ा भी भटके तो अपराध की कीचड़ में फंसने में देर नहीं लगेगी. देश में नौजवानों के लिए असीम संभावनाएं हैं. 


बच्चों ने की डीएम की खूब तारीफ 


डीएम रवीश कुमार ने कहा कि शिक्षा के बाद तकनीकी शिक्षा लेकर अपना और देश का भविष्य संवार सकते हैं. कहा कि हर क्षेत्र में बेहतर मुकाम हासिल करने के लिए जरूरत सिर्फ मजबूत हौसले और मेहनत की होती है. डीएम ने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित ही नहीं किया बल्कि उनके जेहन में शिक्षा की महत्ता बसाने की हर संभव कोशिश की. ऐसे में डीएम की इस अनूठी पहल की तारीफ हो रही है. एक स्टूडेंट का कहना है कि डीएम सर की क्लास में आने के बाद काफी अच्छा लगा. वो बहुत अच्छा पढ़ा रहे हैं. अगर इसी तरह से आकर पढ़ाते रहे तो हम लोग काफी आगे बढ़ जायेंगे.


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