बस्ती जिले का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक है. प्राचीन काल में यह कौशल साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था. 1801 में बस्ती को गोरखपुर के अंतर्गत एक तहसील और 6 मई 1865 में इसे जिला बना. 1988 में बस्ती उत्तरी हिस्से को काटकर सिद्धार्थ नगर को जिला बनाया गया. जबकी 1997 पूर्वी हिस्से को काटकर संत कबीर नगर जिला बना.
इतिहास
- प्राचीन काल में बस्ती का नाम वैशीष्ठी नगर था. दरअसल यह नाम भगवान श्री राम के कुलगुरु वशिष्ठ से लिया है. महर्षि वशिष्ठ का आश्रम यही स्थित था.
- इतिहासकारों के अनुसार गुप्त काल में बस्ती वीरान हो चुकी थी.
- 9वीं शताब्दी में यहां गुर्जर प्रतिहार राजा नागभट्ट का शासन था.
- मुगलकाल के दौरान बस्ती अवध सूबे गोरखपुर सरकार का हिस्सा बना.
आबादी
- 2011 की जनगणना के अनुसार बस्ती की आबादी 24,64,464 है जिसमें पुरूष 12,55,272 और महिलाएं 12,09,192 हैं.
- जिले का जनसंख्या घनत्व 917 प्रति वर्ग किमी है.
- लिंगानुपात की बात करें तो बस्ती का लिंगानुपात प्रति हजार पुरूषों पर 963 महिलाएं हैं.
- जिले की 67.2 प्रतिशत आबादी पढ़ी-लिखी है.
क्षेत्र
- बस्ती 2,688 वर्गकिमी में फैला हुआ है जिसके अंतर्गत 3,348 गांव आते हैं.
- जिले में पांच विधानसभा हर्रैया, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदर औ महादेवा है.
- बस्ती में कुल 14 विकास खंड हैं.
भाषा
जिले की अधिकांश आबादी हिंदी और भोजपुरी बोलती है.
नदी
बस्ती की प्रमुख नदियां अमी, गारिया, कुवानों औ घाघरा है.
अर्थव्यवस्था
- बस्ती की अर्थव्यवस्था कृषि और लघु स्तरीय उद्योगों पर आधारित है. यहां चीनी के कारखानें स्थापित हैं. इसके अलावा यहां बांस, नीलगिरी, आम और शीशम की लकड़ियों का निर्यात होता है.
- जिले में लघु उद्योग के रूप में बढ़ई का सामान, कृषि उपकरण, साबुन, मोबत्तिया और मिट्टी के बर्तन बनाएं जाते हैं.
पर्यटन स्थल
- बस्ती के धार्मिक पर्यटक स्थल भादेश्वर नाथ मंदिर, बलुआ समय माता मंदिर, राम रेखा मंदिर, मखौडा धाम और श्रृंगीनारी मंदिर है.
- जिले के अन्य पर्यटक स्थल चंगेरवा पार्क, पक्षी विहार और छावनी है.
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