Basti Projects News: उत्तर प्रदेश (UP) के बस्ती मंडल में 50 लाख रुपये से ज्यादा की लागत की कुल 309 परियोजनाएं पिछले कई सालों से निर्माणाधीन हैं. एक बैठक के दौरान मंडलायुक्त अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) ने निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक में सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्धारित समय से उसको पूरा कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि सभी कार्यदायी संस्थाए इस आशय का प्रमाण पत्र दें कि उनके पास 50 लाख रुपये से अधिक लागत की कोई अन्य परियोजना निर्माणाधीन नहीं है.


गौरतलब है कि मंडलायुक्त की पहली बैठक में कुल 250 परियोजनाएं चिन्हित थीं, जो अब बढ़कर 309 हो गई है. बस्ती में 82, संतकबीर नगर में 91 और सिद्धार्थनगर में 136 परियोजनाएं संचालित हैं, इसमें से 39 परियोजनाएं पूर्ण हुई हैं. आयुक्त ने समीक्षा में पाया कि 19 परियोजनाएं अनारंभ हैं. इसके संबंध में उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया है कि समीक्षा करके समस्या को दूर कराए और सभी परियोजनाओं का निर्माण कार्य शुरू हो.


हैंडओवर में दिए गए भवन में बताई जा रहीं कमियां


आयुक्त ने कहा है कि हर जिले में पूर्ण हुए निर्माण कार्य को हैंडओवर करने के लिए मानक प्रक्रिया निर्धारित की जाए और समिति के निरीक्षण के बाद ही हैंडओवर लिया जाए. समीक्षा में उन्होंने पाया कि जिलाधिकारी और सीडीओ के संज्ञान में लाए बिना कार्यदायी संस्था की ओर से विभाग को भवन हैंडओवर कर दिया गया और अब उसमें कमियां बताई जा रही हैं.


अखिलेश सिंह ने निर्देश दिया कि 90 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा होते ही हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. जिन कार्यों के इस्टीमेट में जीएसटी नहीं एड है और उसके लिए अलग से धन की मांग किया जाना है, तो इसके लिए समय से पत्र व्यवहार पूर्ण किया जाए. उन्होंने कहा कि सीएम सूचना सिस्टम पोर्टल पर मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और अवस्थापना संबंधी परियोजनाएं की प्रगति अपलोड की जाती है, इसलिए इसके निर्माण में पर्याप्त तेजी लाएं.


मंडलायुक्त ने सीडीओ को दिए ये निर्देश


बैठक में एडी बेसिक संजय शुक्ल ने बताया कि बस्ती सदर और विक्रमजोत में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के छात्रावास निर्माण में कार्यदायी संस्था फैक्सफेड की ओर से गुणवत्ताविहीन कार्य कराया गया, जिसे दुबारा सही करवाना पड़ा. मंडलायुक्त ने सीडीओ को निर्देश दिया है कि इन कार्यो को वे स्वयं देखे और इस संस्था की तरफ से कराए जा रहे अन्य कार्यों की टास्क फोर्स से जांच करा लें.


इस बैठक में गृह विभाग की तरफ से निर्माणाधीन पुलिस लाइन और थानों में आवासीय के साथ-साथ अनावासीय भवन, बैरक और निरीक्षण कक्ष, ट्रांजिट हॉस्टल, अग्निशमन केंद्र आदि की समीक्षा की गई. आईजी आरके भारद्वाज ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि निर्माण में कोई दिक्कत होने पर पुलिस अधीक्षक को तत्काल अवगत कराएं, समय से धन का उपयोग करते हुए निर्माण कार्य पूरा करें. समीक्षा में उन्होंने पाया कि यूपी पुलिस आवास निगम की अभी भी 2014 और 2020 के प्रोजेक्ट पूरे नही किए गए हैं. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक कार्यस्थल पर वर्क सुपरवाईजर अवश्य उपस्थित रहें.


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