Basti News: आपने अक्सर भूमाफियाओं को जमीनों पर कब्जा करत हुए देखा होगा, लेकिन यूपी के बस्ती (Basti) से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां सरकार के एक विभाग ने किसानों की जमीन पर कब्जा कर लिया है. दरअसल यहां पर वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों ने किसानों की जमीन को अपना बताकर उसपर कटीले तार लगाकर किसानों को उनकी ही जमीन के अधिकार से वंचित कर दिया गया.


ये है पूरा मामला


दरअसल पूरा मामला हरैया तहसील के डमरूवा जंगल गांव का है जहां 20 से अधिक किसानों ने आरोप लगाया है कि वन विभाग ने उनके पट्टे की जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. उन्होंने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की है. लेकिन कोई उनकी सुनवाई नहीं कर रहा. बता दें कि पिछले दिनों जमीन की पैमाइश के दौरान करीब चार दर्जन लोगों की वन्य भूमि पर कब्जा पाया गया. इन्हें बेदखल कर इस जमीन पर विभाग ने फिर से कब्जा लिया और जमीन के चारों ओर पिलर लगाकर इसे सुरक्षित कर लिया. गाटा संख्या 241 और 505 में वन विभाग की कुल जमीन 217 बीघा 19 विस्वा और 17 धुर थी. ग्रामीणों की मानें तो इस गाटा संख्या में उनकी भी जमीन है. गांव के 20 से अधिक दलित किसानों ने आरोप लगाया है कि उनकी पट्टे की जमीन वन विभाग ने अपनी जमीन के साथ ही मिलाकर उस पर पिलर लगाकर उसे अपने कब्जे में ले लिया.


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10 साल से जमीन के लिए चक्कर काट रहे किसान


पीड़ित और परेशान किसानों ने बातचीत में बताया कि उनकी जमीन का उन सभी किसानों के पास खतौनी है, जबरन वन विभाग उन की जमीनों का अपना बता रहा है. चूंकि किसान और वन विभाग की मिली जुली जमीन है इसलिए वन विभाग ने सरकारी तंत्र का फायदा उठाकर किसानों की जमीन को भी कब्जा कर लिया. जबकि इन जमीनों की पैमाईस तक नहीं की गई. जिससे ये पता चल सके कि वन विभाग की जमीन कहां है. 10 साल से अपनी जमीन को वापस पाने के लिए किसान तहसील और आला अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. मगर उनकी सुनने वाला कोई नहीं है और अब उन किसान परिवारों की स्थिति भुखमरी के कगार पर पहुंच रही है क्यों कि खेती पर ही ये सभी किसान आधारित थे और अब सरकार ने उन्हें इस हाल में लाकर छोड़ दिया है.


डीएम सौम्या अग्रवाल ने इस मामले पर कहा कि ये प्रकरण अभी हाल ही संज्ञान में आया है, जो संबंधित एसडीएम हैं उनको निर्देश दे दिया गया है कि इस प्रकरण की जांच कर लें और जांच करके जो भी नियमानुसार प्रक्रिया है उसके तहत वो कार्रवाई करें.


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