Basti Flood: बाढ़ के सितम से खतरे में बच्चों का स्कूली सफर, नाव की व्यवस्था के प्रशासनिक दावों की खुली पोल
Basti News: बरसात में नदी और तटबंध के बीच बसे गांवों की परेशानी बढ़ जाती है. प्रशासन गांवों में बाढ़ पीड़ितों के लिए नाव लगाने का दावा करता है. शनिवार को प्रशासनिक दावों की पोल उजागर हो गई.
UP Flood: बस्ती में बारिश के बाद सरयू नदी उफान पर है. सड़कें, खेत और मैदान में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. रिहाइशी इलाके टापू बन गए हैं. लोगों के लिए आने जाने का साधन मात्र नाव है. मौसम की मार का असर सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों पर पड़ा है. मासूम बच्चों को जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना पड़ रहा है. प्रशासन के दावे हवा हवाई साबित हुए हैं. गहरे पानी में डूबकर बच्चों को स्कूल से घर और घर से स्कूल जाने मजबूर हैं. पीठ पर बैग लादे और शरीर पर ड्रेस पहने बच्चे जान की परवाह किए बिना पढ़ने जा रहे हैं.
बरसात में स्कूली बच्चों की बढ़ी मुसीबत
सुबिखा बाबू गांव में स्कूल से वापसी के बाद नाव की सवारी मिलना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में बच्चे गहरे पानी को पारकर घर पहुंचते हैं. बरसात में नदी और तटबंध के बीच बसे गांवों की परेशानी बढ़ जाती है. प्रशासन गांवों में बाढ़ पीड़ितों के लिए नाव लगाने का दावा करता है. शनिवार की दोपहर स्कूल से लौटे आधा दर्जन बच्चों को कटरिया तटबंध पर सुविखा बाबू गांव जाने के लिए नाव नहीं मिली. नाव नहीं मिलने पर बच्चों ने पानी में उतरकर घर जाने का फैसला किया.
नाव की व्यवस्था के दावों की खुली पोल
बच्चों का कहना है कि सुबह बिना खाये स्कूल के लिए निकल जाते हैं. उन्होंने शिकायत की घर वापस लौटने के क्रम में कटरिया तटबंध पर नाव उपलब्दध नहीं होती है. ऐसे में घर गहरे पानी को पार कर जाना पड़ता है. आज भी स्कूल से वापसी में तटबंध पर काफी देर तक नाव का इंतजार किया. नाव नहीं मिलने पर पानी में घुसकर घर जाने को मजबूर हुए. प्रशासन दावा करता है कि सुविखा बाबू गांव के लिए आधा दर्जन नावें लगाने की व्यवस्था की गई है. लेकिन शनिवार की दोपहर प्रशासन के दावों की पोल खुल गई. एक भी नाव बच्चों को ले जाने के लिए नहीं थी. मजबूरी में बच्चों को पानी से होकर घर जाना पड़ा.
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