UP News: बस्ती जनपद में मोहित अपहरण और हत्याकांड को लेकर समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा जातिवादी मानसिकता से प्रेरित होकर राजनीति की जा रही है, जिसका साथ बस्ती का प्रशासन और पुलिस के कुछ अफसर भी दे रहे हैं. बीजेपी के पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इस घटना में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी के नाम पर कुछ पुलिस कर्मी उत्पीड़न और शोषण कर रहे हैं.


पूर्व सांसद ने कहा कि इस घटना में जानबूझकर बिना किसी ठोस सुबूत के क्षत्रिय, वैश्य, दलित सहित तमाम समाज के बच्चों को पुलिस बिना किसी वजह के ही परेशान कर रही है. बस्ती जनपद में सपा के सांसद और विधायक जातिवादी मानसिकता से ओत-प्रोत हैं. वे सिर्फ ऐसे ही मामले में राजनीति करते है जो उनके समाज का होता है. अभी कुछ दिन पहले रुदौली थाना क्षेत्र में एक मासूम बच्चे की दबंग किस्म के कुछ लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी.


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लगाया ये आरोप
हरीश द्विवेदी ने कहा कि इस प्रकरण में सपा का कोई भी नेता परिवार को सांत्वना देने या अपराधियों की गिरफ्तारी करने के लिए धरने पर बैठने की जहमत नहीं उठाया, क्योंकि बच्चे की हत्या करने वाले अपराधी उनके समाज से जुड़े हुए थे. वहीं कलवारी में चौधरी समाज के एक व्यक्ति की हत्या की गई थी और इस मामले के भी सपा के नेता कोई आंदोलन नहीं किए और पीड़ित परिवार की आवाज उठाई. जबकि मोहित यादव के अपहरण हत्याकांड में सपा के सांसद और विधायक महेंद्र यादव, कविंद्र चौधरी और राजेंद्र चौधरी लगातार धरने पर बैठे रहे.


उन्होंने कहा कि उस वक्त ये लोग कहा थे जब रुदौली में एक मासूम बच्चे की हत्या की गई थी. इससे साफ जाहिर होता है कि सपा और इनके नेता जातिवादी मानसिकता के अनुसार ही काम करते है, फिर चाहे कोई अपराधी ही क्यों न हो वे उनके साथ खड़े नजर आएंगे. मोहित अपहरण कांड में पुलिस अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है. अज्ञात के नाम पर ऐसे बच्चों को पुलिस टॉर्चर कर रही है जिनका इस केस से कोई मतलब ही नहीं है. उन्हें पुलिस के लोग उठाकर उनका आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न कर रही हैं.


बस्ती के पूर्व सांसद ने कहा कि इस मामले में पुलिस पूरी तरह से सपा के नेताओं के दबाव में काम कर रही है, इसलिए वे चाहते है कि ऐसे अफसरों पर कार्रवाई हो और उन्हें चार्ज से तत्काल हटाया जाए. हरीश द्विवेदी ने साफ आरोप लगाया कि बस्ती पुलिस निर्दोष बच्चों का उत्पीड़न बंद करें और सपा नेताओं के दबाव में काम न करें, जो सच है तथ्यों के साथ उन पर कार्रवाई करें.