Basti News: बस्ती के जिला अस्पताल विवाद प्रकरण में नया मोड़ सामने आया है. एमएलसी के प्रतिनिधि ने जिलाधिकारी से शिकायत कर जिला अस्पताल के स्टाफ पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. हाल ही में कुछ दिन पहले जिला अस्पताल में हॉस्पिटल स्टाफ और बीजेपी नेताओं में विवाद हुआ था, जिसमें अस्पताल स्टाफ नर्स और कर्मचारियों ने बीजेपी नेताओं पर बदसलूकी और अभद्रता का आरोप लगाया था. इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है. जिसमें जिस स्टाफ नर्स ने जिस बीजेपी नेता पर अपने साथ हुए बदसलूकी का आरोप लगाया था उस बीजेपी नेता ने उल्टा स्टाफ नर्स और जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर ही अपने साथ बदसलूकी का आरोप लगाया दिया है.


इसके साथ ही बीजेपी नेता ने जिलाधिकारी से बाकायदा एक शिकायती पत्र देकर उनसे पारदर्शी जांच की मांग की है. जिस पर उन्होंने कई बिंदुओं पर जांच करने के लिए डीएम से गुहार लगाई है. बीजेपी नेता ने कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप लगा है वह बेबुनियाद है और झूठे हैं, क्योंकि मेरे पास अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है. जिसे मैंने डीएम को सौंप दिया है और जिलाधिकारी ने भी आश्वासन देकर या भरोसा दिया है कि उनके साथ न्याय होगा.


दरअसल बीते रविवार को एमएलसी सुभाष यदुवंश के प्रतिनिधि संदीप यदुवंशी के सीने में दर्द उठा तो उन्हें आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर समुचित इलाज ना होने के चलते एमएलसी प्रतिनिधि के मित्र सूरज सिंह ने इमरजेंसी स्टाफ से डॉक्टर को भेजने की बात कही थी. जिस पर उनके ही ऊपर यह आरोप लगाया गया कि मैंने किया है कि उस समय ड्यूटी पर तैनात सीमा चौधरी नाम की नर्स के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मैंने उनके साथ बदसलूकी की जो कि सरासर गलत है. क्योंकि बदसलूकी तो मेरे साथ हुई जिसमें मैंने स्टाफ नर्स से केवल डॉक्टर को अपने मरीज के पास भेजने की बात की थी. जिसपर वो तमतमा गई और मुझसे ही अभद्रता करते हुए कहा कि डॉक्टर यहां नहीं है जाओ बाहर खोजो. उनके इस कृत्य की शिकायत सीएमओ से कर दी, बस इसी बात से नाराज सीमा चौधरी ने मेरे ऊपर ऐसे गंभीर आरोप लगा दी और फालतू का बखेड़ा खड़ा कर दिया. यहां तक कि नर्स ने मेरे ऊपर कपड़ा तक फाड़ने का आरोप लगा दिया जो कि सरासर गलत है. क्योंकि स्टाफ नर्स महिला है इसका फायदा वह उठा रहे हैं, क्योंकि जब यह बात हुई तो मैंने ही पुलिस को फोन करके वार्ड में बुलाया लिया था और उनके सामने ही यह पूरी घटना हुई तो अगर पुलिस सामने है तो क्या यह संभव है कि कोई किसी महिला के साथ अभद्रता कर सकता है.


बीजेपी नेता ने जिलाधिकारी को दी शिकायत


सूरज सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आलोक वर्मा पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी घटना के पीछे आलोक वर्मा की साजिश है. क्योंकि अस्पताल का प्रभार उनके पास होता है लेकिन मैंने बार-बार फोन किया और उन्होंने फोन नहीं उठाया. सीएमओ ने फोन किया उनका भी फोन नहीं उठाया, इस बात को छुपाने के लिए उन्होंने अपने स्टाफ को भड़काया और मेरे ही ऊपर फर्जी FIR दर्ज करा दिया. जो कि गलत है. जिसको लेकर मैंने आज जिलाधिकारी से लिखित रूप से शिकायत की है कि इस मामले में पारदर्शी जांच करने का आग्रह किया. घटना के समय के सारे साक्ष्य सबूत मैंने डीएम को दे दिया, जिस पर डीएम ने 3 सदस्य टीम बना दी है जो मेरे मामले की जांच करेगी.


अस्पताल की सेवाएं ठप


बहरहाल इस पूरे मामले पर जांच कुछ भी हो दोषी कोई भी हो लेकिन जिस तरह से अस्पताल कर्मचारियों और बीजेपी नेताओं के विवाद में अस्पताल की सेवाएं ठप कर दी गई थी उससे तो मानवता भी शर्मा जाए. क्योंकि इन दोनों के बीच बेचारे दूरदराज से आए गरीब और असहाय पिस गए जो कि दूर-दराज से अस्पताल में इलाज कराने आए थे. डीएम ने इस प्रकरण की जांच के लिए जांच टीम बैठा दी है.


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