Health ATM: यूपी के बस्ती (Basti) में एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग (Health Deaprtment) की लापरवाही सामने आई है. यहां के कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने के लिए हेल्थ एटीएम (Health ATM) यानी एक ऐसी मशीन लगाई गई थी, जिसमें कुछ ही मिनटों में पूरे शरीर की जांच की जा सकती है. वो भी बिना कोई पैसे दिए. इस मशीन का उद्घाटन डीएम प्रियंका रंजन ने किया था, लेकिन बेपरवाही का आलम देखिए कि कई महीने बीत जाने के बाद भी ये मशीन बंद पड़ी है. क्योंकि यहां मशीन तो लगा दी लेकिन जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण अब तक नहीं हैं. 


ये हेल्थ एटीएम पूरे जनपद में सिर्फ कप्तानगंज में ही लगा है. लोगों को लगा था कि इससे वो अपने शरीर की निशुल्क जांच कर पाएंगे, लेकिन जांच तो दूर इस मशीन से जांच के लिए जिन उपकरणों की जरुरत होती है वो तक यहां उपलब्ध नहीं है और न ही इस मशीन को चलाने के लिए टेक्निकल स्टाफ को नियुक्त किया गया है. इसकी वजह से लाखों रुपये की मशीन अब शोपीस बनकर रह गई है. इस मशीन में शुगर, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन शरीर का मोटापा, लिपिड प्रोफाइल सहित अन्य जांच की जा सकती है, प्रशासनिक उदासीनता के चलते इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. 


प्रशासनिक उदासीनता के चलते बेकार पड़ी मशीन


ये मशीन तीन महीने पहले लगाई गई थी, रेड क्रास सोसायटी के सौजन्य से पैथोलॉजी लैब में हेल्थ एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) को इंस्टाल कर दिया गया, जिसका शुभारंभ डीएम प्रियंका निरंजन ने 8 जनवरी 2023 को किया था. उद्घाटन के वक्त डीएम ने मौके पर कुछ मरीजों की जांच कराई थी और‌ कहा कि मरीजों के लिए हेल्थ एटीएम किसी संजीवनी से कम नहीं है. जांच के बाद मरीज को महज पांच मिनट में रिपोर्ट मिलेगी. लोगों को लगा अब उन्हें लैब जांच के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते मरीजों को अब भी कई किमी दूर जिला अस्पताल तक जाना पड़ता है.


अस्पताल में मशीन ऑपरेटर भी नहीं 


जिले के अधिकांश सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ब्लड जांच कराने के लिए भटकना पड़ता है. कुछ केंद्रों पर मरीजों की सभी जांचें भी नहीं हो पाती हैं. ऐसे में लोगों को या तो जिला अस्पताल या प्राइवेट पैथालाजी की दौड़ लगानी पड़ रही है या अस्पताल में जांच कराने के लिए मरीजों को लाइन लगनी पड़ती है. ऐसे में मरीजों को रिपोर्ट लेने के लिए शाम तक इंतजार करना पड़ता है. मरीजों को लगा इस मशीन के लगने से अब उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा लेकिन ये हेल्थ एटीएम यहां इंस्टाल तो कर दिया, लेकिन ट्रेनिंग के अभाव में किसी को ये ऑपरेट भी करनी नहीं आती.


इतनी तरह की हो सकती हैं जांच


हेल्थ एटीएम लग जाने के बाद 59 प्रकार की जांच की सुविधा मिलेगी. इसमें हीमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल, मधुमेह, डेंगू, मलेरिया, टीएलसी, डीएलसी, ऑक्सीजन स्तर, ईसीजी, रक्तचाप, डिहाईड्रेशन, मोटापा, ब्लड शुगर, कोलस्ट्रोल आदि जांच हो जाती है. हेल्थ एटीएम से जांच रिपोर्ट लोगों को ईमेल या मोबाइल पर भी मिल सकेगी. हेल्थ एटीएम लगने से मरीजों को लंबे समय तक रिपोर्ट का इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा. साथ ही वजन, लंबाई और बीएमआई की भी जांच हो सकेगी. 


इस पूरे मामले को लेकर डिप्टी सीएमओ डॉक्टर फक्रेयार ने बताया कि विभाग को दो हेल्थ एटीएम मिला है. जिले का पहला हेल्थ एटीएम कप्तानगंज में इंस्टाल कर दिया गया. दूसरा रुधौली सीएचसी में लगा है. डीएम ने अपने स्तर से बजट खर्च कर आम जनता को यह समर्पित किया था. अब यह ट्रेनिंग और किट के अभाव में नहीं चल पा रहा. इसकी जांच करवा कर तत्काल हेल्थ एटीएम को चालू करवाया जाएगा. 


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