UP News: देश की आजादी से पहले सन् 1946 में उत्तर प्रदेश के बस्ती (Basti) में खैर इंटर कॉलेज (Khair Inter College) की स्थापना हुई थी, जिससे छात्रों में यह उम्मीद जगी थी कि शिक्षा के लिए बड़े शहरों की तरफ रुख नहीं करना पड़ेगा और ऐसा हुआ भी. साल 2010 तक बस्ती जिले के टॉप मोस्ट कॉलेज में शामिल खैर इंटर कॉलेज का सितारा दिन-ब-दिन नीचे गिरता रहा. आज कभी एडमिशन के लिए मारामारी और लंबी लाइन झेलने का गवाह खैर इंटर कॉलेज अपनी बदहाली पर आंसू पर बहा रहा है.


कॉलेज की दिशा और दशा को बदलने के लिए अब इसके होनहार पूर्व छात्र एक सेमिनार में इकट्ठा होंगे, जिसमें इस विषय पर चर्चा होगी कि आखिर कैसे इसने अपनी साख को खो दिया है और कैसे उसकी पुरानी हैसियत को वापस लौटाया जा सकता है. इसके लिए खैर इंटर कॉलेज के प्रबंधक और पुरातन छात्र ने मिलकर एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस किया और बताया कि 23 सितंबर को इस कॉलेज के होनहार पूर्व छात्र देश-विदेश से आकर संगोष्ठी का हिस्सा बनेंगे, साथ ही कॉलेज के विकास के लिए नए आयाम लिखेंगे.


शनिवार को होगा पूर्व छात्रों का समागम


जिले के ख्याति प्राप्त शिक्षण संस्थान खैर इंटर कॉलेज में 23 सितंबर को पूर्व छात्रों का समागम होगा. कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है. पूर्व छात्र कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे. कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी होगा ताकि विदेश से भी लोग इसमें जुड़ सकें. कार्यक्रम का उद्देश्य खैर कॉलेज की प्रतिष्ठा को पुनः एक बार स्थापित करना है. इसको लेकर खैर कॉलेज ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष दुर्गादत्त पांडेय, प्रबंधक हमीदुल्लाह खान और प्रिंसिपल फैज आलम अंसारी ने आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जिले में अभी तक का यह पहला कार्यक्रम है, जिसमें पूर्व छात्र कॉलेज की वर्तमान स्थितियों से रूबरू होकर इसे आगे ले जाने की पहल करेंगे.


कॉलेज के प्रबंधक ने क्या कहा?


खैर कॉलेज के प्रबंधक हमीदुल्लाह खान ने बताया कि कॉलेज ने अपनी स्थिति में बदलाव करते हुए को-एजुकेशन की शिक्षा शुरू की है, जिसमें छात्राएं भी छात्रों के साथ पढ़ाई में प्रतिस्पर्धा करेंगी. कॉलेज में पहल करते हुए पैरेंट्स-टीचर मीटिंग शुरू हो चुकी है. खैर कॉलेज ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष दुर्गादत्त पांडेय ने बताया कि यूपी के शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव का इस अवसर पर जहां उद्बोधन और मार्गदर्शन मिलेगा, वहीं ख्याति बढ़ाने वाले पूर्व छात्रों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के साथ पूर्व प्रिंसिपल और शिक्षकों का सम्मान भी होगा. कार्यक्रम में सैकड़ों पूर्व छात्र शामिल होंगे. इस अवसर पर कॉलेज को संसाधनों से लैस करने की भी पहल होगी. आवश्यक संसाधन के लिए पूर्व छात्रों ने स्वयं आगे आकर पहल की है.


क्यों गिरी खैर कॉलेज की साख


वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक जगदीश शुक्ला से जब यह पूछा गया कि आखिर क्या कारण है कि प्रतिष्ठित खैर इंटर कॉलेज में छात्र और शिक्षकों की संख्या में कमी हो गई तो उन्होंने बताया कि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण शिक्षा की गुणवत्ता का गिरना है. शिक्षकों की भर्ती सहित अलग से सरकार की ओर से कोई फंड न मिलना, ऐसे इंटर कॉलेज की साख के गिरने की सबसे बड़ी वजह है. खैर इंटर कॉलेज किसी जमाने में बस्ती का सबसे अच्छा कॉलेज माना जाता था. कॉलेज में मौजूद संसाधनों के माध्यम से ही अगर शिक्षा के स्तर को सही रखा जाए तो निश्चित ही एक बार फिर से यह कॉलेज से अपने अस्तित्व में लौट सकता है.


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