UP News: बस्ती में 'मुर्दे' खा रहे हैं राशन! कोटेदार के खिलाफ केस दर्ज, जानें- पूरा मामला
Basti News: बस्ती के विक्रमजोत ब्लॉक के पिपरी संग्राम गांव में कोटेदार मंजू देवी मुर्दे के नाम पर अनाज उठाती रही. वहीं मामला प्रकाश में आने के बाद एसडीएम की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था.
Basti Ketedar Case: क्या आपने कभी सुना है, जो मुर्दे हैं वे भी सरकार का अनाज भर-भर खा रहे. यहां तक कि मुर्दों ने कोटेदार की दुकान से अपने हिस्से का अनाज उठाया हो, लेकिन ऐसा उत्तर प्रदेश (UP) के बस्ती जिले के एक गांव में हुआ है. यहां एक कोटेदार मंजू देवी (Manju Devi) ने मृतकों के नाम पर भी अनाज उठा लिया, बाकायदा रजिस्टर भी दुरुस्त किया गया. वहीं एक पत्र ने अनाज खोर कोटेदार की सारी मंशा को फेल कर दिया और समाज में वो एक्सपोज हो गई.
पूर्व महिला कोटेदार मंजू देवी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि भ्रष्टाचार तो उनके पति ने किया और जेल में उन्हें जाना पड़ेगा, वह भी मृत उपभोक्ताओं का अनाज खाने के आरोप में जाना पड़ेगा. पूरा मामला विक्रमजोत ब्लॉक के पिपरी संग्राम गांव का है. यहां की पूर्व कोटेदार मंजू देवी मुर्दे के नाम पर भी अनाज उठाती रही, जब मामला उछला तो तत्कालीन एसडीएम हरैया ने मृतक का राशन उठाना और अपने परिवार में राशन कार्ड बनाकर अनुचित तरीके से लाभ लेने के मामले में नोटिस जारी किया.
कोर्ट के आदेश में क्या कहा गया?
इसके बाद कोटेदार ने एक अपराध को छिपाने के लिए दूसरा अपराध कर दिया, यानी तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर मामले को निस्तारण करवा दिया. इसे लेकर लड़ाई लड़ने वाले गांव के ही शिकायतकर्ता पंकज दुबे मामले को न्यायालय में ले गए. जज ने छावनी पुलिस को महिला कोटेदार का मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश में कहा गया कि विपक्षी की ओर से मृतक का अनाज उठाया गया और कार्रवाई से बचने के लिए कूटरचित तरीके से ग्राम विकास अधिकारी राजमंगल दुबे का फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगा दिया.
कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पूर्ति निरीक्षक की जांच रिपोर्ट पर तत्कालिक एसडीएम ने लाइसेंस को निरस्त कर दिया, लेकिन उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं करवाया गया था. इसको लेकर अब कोर्ट ने मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. डीएसपी विनय सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में एक कोटेदार के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया है, जिसमें साक्ष्यों के आधार पर विवेचनात्मक कार्रवाई प्रचलित है, गुण दोष के आधार पर विवेचना का निस्तारण किया जाएगा.