अखिलेश यादव के फैसले से फंसी बीजेपी की एक सीट? बसपा के पूर्व प्रत्याशी सपा में शामिल
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस के साथ वह 79 सीट जीत रहे हैं और सिर्फ 1 सीट पर लड़ाई है. इस बीच सपा प्रमुख के एक फैसले ने बीजेपी की मुश्किल बढ़ा दी है.
UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में 80 सीट जीतने के लक्ष्य के साथ उतरी भारतीय जनता पार्टी को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के फैसले से बड़ा झटका लगा है. पार्टी प्रमुख ने बुधवार को बस्ती लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी दयाशंकर मिश्रा को सपा में शामिल कराया. अखिलेश के इस फैसले से बस्ती की सीट पर बीजेपी के लिए लड़ाई एक बार फिर कड़ी हो सकती है.
40 सालों तक भारतीय जनता पार्टी में रहे दयाशंकर ने बीते महीने ही बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा था. इसके बाद बसपा चीफ मायावती ने उन्हें बस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी का प्रत्याशी बनाया था. हालांकि नामांकन के आखिरी दिन 6 मई को बसपा ने इस सीट पर प्रत्याशी बदल दिया. पार्टी ने बस्ती सदर से विधायक रहे जीतेंद्र चौधरी उर्फ नंदू चौधरी के बेटे लवकुश पटेल को उम्मीदवार बना दिया. इसके बाद से ही माना जा रहा था कि दयाशंकर बसपा का साथ छोड़ सकते हैं.
सपा ने बस्ती से पूर्व काबीना मंत्री राम प्रसाद चौधरी को मैदान में उतारा है. साल 2019 में भी राम प्रसाद चौधरी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्हें मौजूदा सांसद और बस्ती से बीजेपी प्रत्याशी हरीश द्विवेदी के हाथों लगभग 30 हजार मतों से हार मिली थी. उस चुनाव में सपा और बसपा का अलायंस था.
बस्ती में बसपा ने आखिरी वक्त में पलट दी थी बाजी!
जब बसपा ने दयाशंकर को उम्मीदवार बनाया था उसके बाद इस सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय हो गई थी. दो ब्राह्मण उम्मीदवारों के बीच सपा नेता राम प्रसाद को अपनी राह आसान लग रही थी लेकिन बसपा ने आखिरी वक्त में बाजी पलट दी और उसी जाति के नेता को प्रत्याशी बना दिया जिससे राम प्रसाद आते हैं. हालांकि बसपा के मौजूदा प्रत्याशी लवकुश पटेल भी रिश्ते में राम प्रसाद के भतीजे लगते हैं.
इन सबके बीच दयाशंकर का सपा के साथ आने से ब्राह्मण मतों में एक बार फिर बिखराव के आसार हैं. अगर ऐसा होता है तो बस्ती से बीजेपी की राह आसान नहीं होगी.