UP News: बस्ती (Basti) के जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से एक मासूम ने इलाज के अभाव में बेड पर ही दम तोड़ दिया. अपने कलेजे के टुकड़े की दर्दनाक और तड़प-तड़प कर मौत की घटना देखकर मां और पिता का रो रो कर बुरा हाल है और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सीधे तौर पर डॉक्टर को बच्चे की मौत का जिम्मेदार ठहराया है. बस्ती जिले के जिला अस्पताल में दूर दराज से इलाज के लिए आने वाले गरीब परिवारों के साथ लापरवाही इस कदर है कि डॉक्टर मरीज को देखने नहीं आते जिस वजह से मरीज इलाज वाले बेड पर ही तड़प कर दम तोड़ देता है. 


परिजनों ने लगाया इलाज नहीं मिलने का आरोप
दरअसल, 15 साल का एक बच्चा दिमागी बुखार (meningitis) से ग्रसित होकर जिला अस्पताल में इलाज के लिए आया था. मगर डॉक्टर सरफराज भर्ती मासूम बच्चे का इलाज करने दो दिन तक नहीं आए जिस वजह से आज बच्चे की मौत हो गई. मृत बच्चे के परिजन आक्रोशित हो गए और वार्ड के बाहर हंगामा कारने लगे. तीनों का आरोप है कि डॉक्टर सरफराज को कई बार फोन किया गया मगर वह कभी व्यस्त होने तो कभी सोने का बहाना बनाकर आने से साफ मना कर दिया. जिस वजह से उनके बच्चे की इलाज के अभाव में तड़प तक मौत हो गई.


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बुधवार को कराया था भर्ती
जिला अस्पताल के PICU वार्ड में भर्ती 15 वर्षीय मोहम्मद अनस की आज दोपहर मौत हो गई. अस्पताल में उपस्थित परिजनों ने  चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बुधवार की देर रात को बच्चे की तबियत खराब होने पर यहां लाए थे. जहां से बच्चे की हालत में सुधार न होने पर चिल्ड्रन वार्ड के PICU में भर्ती कराया गया. जहाँ पर उपचार के दौरान अनस की मौत हो गई. परिजनों ने यहाँ पर नियुक्त डॉ सरफराज खान पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि कई बार बुलाने पर भी चिकित्सक उनके मरीज के पास नहीं पहुंचे.


क्या कहा डॉक्टर ने?
वहीं मौके पर जांच करने पहुंचे चिकित्सक डॉ राम प्रकाश ने बताया कि मृत बच्चा दिमागी बुखार(AES) से पीड़ित था. डॉ अनिल शर्मा की देखरेख में उपचार चल रहा था. उन्होंने बताया कि चिकित्सक और स्टाफ नर्स द्वारा किसी प्रकार की कोई लापरवाही नही की गई हैं. डॉक्टर ने परिजनों पर बेवजह शोर शराबा और बीएसटी फाड़ने का आरोप भी लगाया. डॉक्टर ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए कोतवाली पुलिस को सौंप दिया गया. 


22 अगस्त को वेतन दिलाने का दिया था आश्वासन
बताते चले कि बस्ती जनपद में स्वास्थ्य विभाग के लगभग 800 स्वास्थ्य कर्मियों का तीन माह से वेतन रुका हुआ है. कारण है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एच डी अग्रवाल लंबी छुट्टी पर चले गए हैं. जिसके चलते बीते मंगलवार को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया गया था. जिस पर कार्यवाहक सीएमओ डॉ ए के गुप्ता द्वारा 22 अगस्त तक सभी स्वास्थ्य कर्मियों की बाधित वेतन को दिलाने का आश्वासन दिया. ऐसे में कही ऐसा तो नही है कि इन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा वेतन न मिलने के कारण लापरवाही बरती गई हो. जिसके कारण यह घटना हो गई हो. वही परिजनों द्वारा चिकित्सक के खिलाफ कोतवाली बस्ती में कार्यवाही के लिए तहरीर दी है.


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