Basti News: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी 'मनरेगा' योजना, मजदूरों का फर्जी जॉब कार्ड बनाकर प्रधानों ने की लूट
UP News: बस्ती में बड़ी संख्या में मजदूरों ने मनरेगा जॉब कार्ड प्राप्त किए और जिले से बाहर चले गए है. इनके कार्ड मुखिया या जनप्रतिनिधियों के पास रखे गये हैं और विभाग से पैसा निकालकर राशि बांट रहे हैं.
जिले के 91 हजार 196 मनरेगा मजदूरों का जॉबकार्ड जांच के बाद रद्द कर दिये गये हैं. इन मजदूरों ने पिछले तीन वर्षों में एक भी दिन काम नहीं किया था और तब भी इस योजना के माध्यम से पैसा कमा रहे थे. डीसी मनरेगा संजय शर्मा ने बताया कि जांच में मनरेगा मजदूरों के जॉब कार्ड के साथ आधार कार्ड मेल नहीं खा रहा था. सबसे ज्यादा 13 हजार श्रमिकों के जॉब कार्ड का निरस्तीकरण बनकटी ब्लॉक से हुआ है. जॉब कार्ड को आधार से जोड़ा जा रहा है. मनरेगा मजदूरों की कुल संख्या छह लाख 77 हजार 797 तक पहुंच गई है. अधिकारियों ने डेढ़ लाख जॉब कार्ड फर्जी पाया है, जो आधार से जुड़े नहीं थे जिसके कई अन्य कारण थे. इसलिए पंचायत स्तर पर ही इन्हें रद्द किया जा रहा है. भविष्य में और जॉब कार्ड रद्द किए जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में मजदूरों ने मनरेगा जॉब कार्ड प्राप्त किए और जिले से बाहर चले गए है. इनके कार्ड मुखिया या जनप्रतिनिधियों के पास रखे गये हैं और विभाग से पैसा निकालकर राशि बांट रहे हैं. वहीं सक्रिय मजदूरों को एक वर्ष में 100 दिनों के लिए गारंटीकृत नौकरी प्रदान करने वाली इस योजना के तहत नौकरी के पात्र बनने के लिए अपने जॉब कार्ड को आधार से जोड़ना अब जरूरी हो गया है. इस पूरे मामले को लेकर डीसी मनरेगा संजय शर्मा ने बताया कि जिन मनरेगा मजदूरों का आधार कार्ड फीड नहीं था उनके नाम काटे गए हैं और यह माना जा रहा है कि वह सभी गलत तरीके से मनरेगा मजदूर की लिस्ट में शामिल हो गए थे. बाकी ऐसे लोगों से सरकारी धन की रिकवरी भी कराई जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी.
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