UP News: प्यार को जात-पात और धर्म के बंधन में नहीं बांधा जा सकता. सच्चे प्रेमी हर बंधन को तोड़ने के लिए तैयार रहते हैं. जिंदगी भर का साथ निभाने के लिए बस्ती की मुस्लिम लड़की ने धर्म बदल लिया. अब शबा खातून के प्यार की राह में परिजन रोड़ा बन गए हैं. मामला दो समुदाय का होने की वजह से पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. पैकोलिया थाना क्षेत्र के बेलभरिया गांव की रहने वाली शबा खातून को सुनसुनिया निवासी अनूकेत त्रिपाठी से प्यार हो गया. धीरे धीरे दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा.


प्रेमी के लिए किया धर्म परिवर्तन


समाज के डर की वजह से छिप छिप कर दोनों मिला करते थे. दोनों के प्यार में सबसे बड़ी बाधा मजहब की थी. इसलिए शबा खातून और अनूकेत ने प्यार की खातिर परिवार और गांव छोड़ने का फैसला किया. प्लान के तहत दोनों एक सितंबर की रात घर से भाग गए. लखनऊ पहुंचने के बाद दोनों ने आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली. शादी के बाद शबा खातून ने नाम बदलवा लिया. एकता आर्या बनी शबा ने पति अनूकेत त्रिपाठी के साथ सोशल मीडिया पर बयान जारी किया. उन्होंने खुद के बालिग होने का दावा किया और बताया कि मर्जी से शादी की है.


समाज को मंजूर नहीं है फैसला


दोनों ने अपने-अपने परिवार के सदस्यों से परेशान नहीं करने की गुहार भी लगाई. मगर समाज के तथाकथित ठेकेदारों को दोनों का फैसला मंजूर नहीं था. पुलिस पर दबाव बनाकर शबा के गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज करवाई. पुलिस 8 सितंबर को प्रेमी प्रेमिका को दिल्ली से बरामद कर पैकोलिया थाने लेकर आ गई. पूछताछ में प्रेमिका शबा खातून उर्फ एकता आर्या ने पुलिस को बताया कि बालिग होने की वजह से मर्जी की शादी करने का हक है. ऐसे में पुलिस बैकफुट पर आ गई और दोनों को छोड़ दिया. 




दो दिन बाद पुलिस ने अनूकेत पर शबा के अपहरण की एफआईआर दर्ज कर ली. अनूकेत मौके की नजाकत को समझते हुए फरार हो गया. शबा खातून उर्फ एकता आर्या को एक बार फिर पुलिस बयान दर्ज करने के लिए थाने ले आई. शबा उर्फ एकता के थाने में आते ही बवाल मच गया. माता पिता ने शबा को समझाने की कोशिश की. शबा खातून घर वापस जाने को तैयार नहीं हुई. उसकी जिद थी कि पति अनूकेत त्रिपाठी के साथ रहेगी. विवाद बढ़ता देख शबा को लेकर पुलिस महिला थाने ले आई.


हिंदूवादी संगठनों का मिला साथ


महिला थाने में विश्व हिंदू महासंघ के जिला अध्यक्ष अखिलेश सिंह और राणा दिग्विजय सिंह समर्थकों के साथ पहुंचकर बवाल करने लगे. उन्होंने पुलिस से पूछा कि लड़की बालिग है. आखिर उसे किस कानून के तहत थाने में रखा गया है. शबा खातून उर्फ एकता आर्या ने पुलिस को दी एफिडेफिट में अनूकेत के साथ रहने की इच्छा जताई. हिंदूवादी नेता शबा के समर्थन में खड़े हो गए. काफी देर तक महिला थाने में हंगामा होता रहा. पुलिस अधिकारियों की दखलअंदाजी के बाद मामला शांत हुआ.


शबा प्यार को पाने के लिए दुनिया से लड़ने को तैयार है. धर्म परिवर्तन के बाद उसने परिवार छोड़ दिया है. प्रेमी-प्रेमिका की लड़ाई मजहब के ठेकेदारों से जारी है. दोनों प्यार पर पहरा लगाने की वजह भी पूछ रहे हैं. साथ जीने के लिए दोनों हर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. अब देखना होगा शबा और अनूकेत की प्रेम कहानी का अंत क्या होता है. पुलिस परिजन और समाज के सामने दोनों का प्यार कितना मजबूती के साथ खड़ा रह पाता है. 


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