Basti News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2022 तक हर गरीब को सरकारी आवास देने का सपना देखा और प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojna) की शुरुआत की ताकि देश के आखिरी गरीब व्यक्ति तक इस योजना का लाभ पहुंच सके और उन्हें भी सरकार की तरफ से एक छत मुहैया हो. मगर बस्ती (Basti) के भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना में ऐसा भ्रष्टाचार किया कि पीएम की इस योजना का ही बंटाधार हो गया.
क्या है पूरा मामला?
इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सूडा विभाग को पीएम आवास योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी, सूडा ने अपने उपक्रम विभाग डूडा विभाग को जिले वार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सीधा लाभार्थियों तक पहुंचाने का खाका बनाया. इसके बाद डूडा की तरफ से प्रधानमंत्री आवास योजना में इस कदर सेंधमारी कर दी गई कि पूरी योजना ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई.
बस्ती में डूडा की तरफ से सैकड़ों अपात्रों को पीएम आवास योजना का लाभ दे दिया गया जिसकी शिकायत शासन में हुई तो इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू हो गई. शहर में फिलहाल 3 अपात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की पुष्टि होते ही शासन स्तर से डूडा विभाग में तैनात 2 जेई दिनेश चौधरी और शशि भूषण को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. इसके अलावा डूडा के परियोजना अधिकारी उमाशंकर वर्मा के खिलाफ पुरानी बस्ती थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. साथ ही टर्मिनेट हुए दोनों जेई के खिलाफ भी इसी थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया है. इतना ही नही डूडा के 4 बाबू को शोकाज नोटिस भी शासन के निर्देश पर दिया गया है.
2 जेई को किया गया सस्पेंड
फर्जी तरीके से आवास लेने वाले तीन लाभार्थियों के खिलाफ भी एफआईआर लिखी गई है. 2 दिन के अंदर डूडा विभाग में शासन स्तर से हुई इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है, डूडा में तैनात कर्मचारी और अधिकारी अपना दफ्तर छोड़कर लापता हो गए हैं. जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बातचीत के दौरान कहा कि डूडा में कुछ आवासों की गलत जीओ टैगिंग को लेकर पहले जेई सस्पेंड किए गए थें और उन्हें ऊपर ये विधिक कार्रवाई की गई है. उसी के लिए निर्देश दिए गए थे, अभी मैं भी इसमें जांच कमेटी गठित करुंगी, अगर इस तरह के और भी मामले पाए जाएंगे तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
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