Basti News: उत्तर प्रदेश सरकार भले ही अपने महिला अस्पतालों पर सुरक्षित प्रसव कराने का दावा करती हो लेकिन हकीकत उससे कोसों दूर है. आलम यह है कि जिन गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव अस्पताल में होना चाहिए, उन महिलाओं का प्रसव अस्पताल की चौखट पर हो जा रहा है. बस्ती (Basti) जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक महिला सरकारी अस्पताल में बेहतर और सुरक्षित प्रसव कराने के लिए आई थी लेकिन डॉक्टर की लापरवाही के चलते महिला को बच्चे को बाहर ही जन्म देने को मजबूर होना पड़ा.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, चिलमा बाजार की रहने वाली गायत्री को जब प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसने महिला अस्पताल की ओर रुख किया. 30 किलोमीटर की यात्रा तय करके जब वह बस्ती के महिला चिकित्सालय में पहुंची तो उसे भर्ती तो कर लिया गया. साथ ही ग्लूकोस की ड्रिप भी लगाई,लेकिन इलाज में पहुंची डॉक्टर ने उसे अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर भेज दिया. गायत्री एक प्राइवेट अल्ट्रासाउंड पर जांच कराने जैसे ही बाहर आई,वैसे ही चौखट पर ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया.
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लापरवाही के बाद चौखट पर ही बच्चे को दिया जन्म
बड़ी बात यह रही कि अस्पताल का कोई कर्मी उस महिला के साथ मौजूद नहीं था लेकिन जैसे ही अस्पताल कर्मियों को यह बात पता चली तो वह आनन-फानन में महिला के साथ पहुंचकर बच्चे को उठाया और व्हीलचेयर पर मरीज को लेकर अंदर आई. प्रदेश सरकार भले ही गरीब गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव का सपना देखती हो लेकिन हकीकत तो यही है. वही महिला अस्पताल की सीएमएस ने बताया कि डॉक्टर की लापरवाही है, मरीज को देखना चाहिए था. पूरे मामले की जानकारी उन्हें मिली है, जिसकी जांच के लिए टीम बनाई गई है. रिपोर्ट के आधार पर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई होगी.
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