संभल हिंसा पर यूपी में मचा सियासी घमासान, हरीश द्विवेदी ने सपा पर वर्ग विशेष की राजनीति का लगाया आरोप
Sambhal Violence: संभल में हुई हिंसा के बाद सत्तारूढ़ और विपक्षी दल एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इस बीच BJP के पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी ने सपा पर संभल हिंसा में राजनीति करने का आरोप लगाया है.
Basti News Today: संभल हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक बयान बाजी का दौर तेजी हो गया है. एक तरफ समाजवादी पार्टी के कई नेता इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साथ रहे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी अपनी सफाई में कोर्ट के आदेश के पालन का दावा कर रही है.
पूर्व सांसद और असम के बीजेपी प्रभारी हरीश द्विवेदी बस्ती पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने संभल की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि संभल में कोर्ट के आदेश के बाद टीम सर्वे करने गई थी, कोर्ट के आदेश का पालन करना सरकार की जिम्मेदारी है.
हरीश द्विवेदी ने सपा पर साधा निशाना
संभल के दंगों पर हरीश द्विवेदी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ विशेष वर्ग के वोट के लिए मामले में राजनीति कर रहे हैं. सपा को उनके हित और सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "मुस्लिम समाज के शिक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में पिछड़ने की वजह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी है.
यूपी में हुए उपचुनाव पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव गंभीर आरोप लगाए थे. उनके आरोपों पर पलटवार करते हुए हरीश द्विवेदी ने कहा, "अखिलेश यादव चोरी करते थे, इसलिए वे दूसरों को भी ऐसा ही समझ रहे हैं."
'कांग्रेस-सपा कर रहीं है भ्रमित'
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत पर हरीश द्विवेदी ने कहा कि महाराष्ट्र ने पिछले 50 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है. इतिहास में इतना प्रचंड बहुमत किसी को नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और सपा के लोग जो जनता को भ्रमित कर रहे थे, देश की जनता अब समझ चुकी है. जिसका नतीजा चुनाव परिणाम के रूप में आ रहा है.
'संभल हिंसा निर्थक और बेफिजूल'
भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने संभल हिंसा को निरर्थक और बेफिजूल बताया. उन्होंने कहा कि शांति और सहअस्तित्व भारतीय संस्कृति की पुरातन परंपरा है. इसलिए सहअस्तित्व का भाव सभी में जगाना होगा.
विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने संभल हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और इस तरह की घटना को दुखद बताया है. यूपी उपचुनाव के दौरान हुई घटनाओं पर सपा के जरिये लगाए जा रहे आरोपों पर देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने और कहने का पूरा हक है. इसलिए अखिलेश यादव अपनी बात करें, हम उनके बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
'बटेंगे तो कटेंगे' नारे का विरोध
एक अन्य सवाल के जवाब में विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस नारे का बड़े नपे तुले शब्दों में विरोध जताया. उन्होंने कहा कि 'बटेंगे तो कटेंगे' का नारा ऐतिहासिक उदाहरण जरूर है, मगर इतिहास में देखा गया है जब भी समाज में बिखराव हुआ तो देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ गया है. देवेंद्र प्रताप सिंह यहां एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे.
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