Basti News: देश भर में 13 सीटो पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की बंपर जीत से कार्यकर्ता उत्साहित हैं. पार्टी नेता कार्यकर्ताओं को इसी उत्साह और जोश के साथ आगे बढ़ने और पार्टी के आगे भी इसी तरह काम करने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा है कि अब ऐसे निष्क्रिय नेता और कार्यकर्ताओं को कांग्रेस से हटाए जो पार्टी हित में कोई काम नहीं करते और पद लेकर बैठे हैं. ऐसे लोगो को हटाकर अब नए और कर्मठी कार्यकर्ताओं को मौका देना चाहिए जिससे आने वाले चुनावों में पार्टी और बेहतर प्रदर्शन कर सके.


उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी आरटीआई विभाग के प्रदेश महासचिव एवं बस्ती गोरखपुर मण्डल प्रभारी महेन्द्र श्रीवास्तव ने लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर हुई प्रदेश की बैठक से लौटकर बताया कि निष्क्रिय पदाधिकारी हटाये जायेंगे और उनके स्थान पर नये निष्ठावान लोगों को मौका दिया जायेगा. 13 सीटों पर हुये उप चुनाव में कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन को 10 सीटों पर मिली जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि अयोध्या के बाद बद्रीनाथ में इण्डिया गठबंधन और कांग्रेस को मिली जीत से स्पष्ट है कि भाजपा के दिन अब लदने वाले हैं. बद्रीनाथ से कांग्रेस की जीत राजनीति के नये युग का संकेत है. दावा किया कि महाराष्ट्र, झारखण्ड और बिहार राज्य में होने वाले चुनाव और उत्तर प्रदेश के उप चुनाव में भी मतदाता भाजपा को नकारने का मन बना चुके हैं. राजनीति में अब मुद्दे चलेंगे, नफरत की राजनीति नहीं.


अगामी चुनावों में जीत का किया दावा
कांग्रेस नेता महेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, प्रदेश उपाध्यक्ष विश्व विजय सिंह और आरटीआई विभाग के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव के साथ ही अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी की मौजदूबी में संगठन को प्रभावी बनाने, आगामी 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार किया गया. महेन्द्र श्रीवास्तव ने बैठक में मुद्दा उठाया कि जिन जनपदों में कार्यवाहक अध्यक्ष है उन्हें पूर्ण दायित्व सौंपा जाय या नये अध्यक्ष की घोषणा की जाय. प्रदेश अध्यक्ष ने इस दिशा में शीघ्र पहल का आश्वासन दिया. कांग्रेस नेता महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि अति शीघ्र कांग्रेस अपना पुराना गौरव हासिल कर लेगी, देश और उत्तर प्रदेश के मतदाता अब भाजपा के झांसे में आने वाले नहीं हैं.


ये भी पढ़ें: UP Flood Alert: पूर्वी यूपी में बाढ़ का संकट, गोरखपुर में उफान पर नदियां, राप्‍ती-रोहिन खतरे के निशान से ऊपर