Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश (UP) के बस्ती (Basti) जिले के हरैया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Harraiya CHC in Basti) पर 24 साल बाद ऑपरेशन से प्रसव (Cesarean Delivery) की व्यवस्था शुरू हुई है. यहां पहली बार डॉक्टरों ने ऑपरेशन के माध्यम से महिला का प्रसव कराया. अस्पताल के कायाकल्प के लिए बस्ती के एसपी आशीष श्रीवास्तव (Basti SP Ashish Srivastava) की पत्नी डॉक्टर आकांक्षा गुप्ता (Dr. Akanksha Gupta) की तारीफ हो रही है. डॉक्टर आकांक्षा गुप्ता हरैया के सीएचसी पर बतौर बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) तैनात हैं. उन्होंने एक साल में अस्पताल का कायाकल्प करते हुए ऑपरेशन से गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराने की व्यवस्था (Delivery of Pregnant Women) शुरू की है, जिससे इलाके में स्वास्थ्य व्यवस्था (Health System) को लेकर लोगों को उम्मीद जगी है.


सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीएचसी हरैया में (एफआरयू) सक्रिय कर दिया गया है. सीएचसी में पहली बार लैप्रोस्कोपी से एक गर्भवती महिला का सफल ऑपरेशन किया गया. महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ बताए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि 24 वर्षों में पहली बार सीएचसी हरैया में ऑपरेशन से प्रसव कराया गया है. ऑपरेशन से पैदा हुए बच्चे का वजन तीन किलो सौ ग्राम है. सफल ऑपरेशन होने पर अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी खासे उत्साहित हैं. सीएचसी में 24 वर्षों से जनरल ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था नहीं थी, जिससे गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट अस्पतालों या फिर मुख्यालय पर जाना पड़ा रहा था.


यह भी पढ़ें- UP DA Hike: योगी सरकार का राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, महंगाई भत्ते में की तीन फीसदी की बढ़ोतरी 


अस्पताल के इस स्टाफ ने कराई सिजेरियन डिलीवरी


यहां दुबौलिया क्षेत्र की बरसाव निवासी आयुषी पांडेय पत्नी आशीष धर दूबे प्रसव के लिए आई थीं, नॉर्मल डिलीवरी न होने पर ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ी, जिसके लिए पहली बार ओटी का प्रयोग किया गया. इस सफल ऑपरेशन में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा गुप्ता, सीएचसी अधीक्षक डॉ. बृजेश शुक्ला, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह और स्टाफ नर्स शालिनी गुप्ता के साथ धीरेंद्र मिश्रा शामिल रहे. 


चिकित्सा अधीक्षक ने यह कहा


चिकित्सा अधीक्षक ने बताया, ''सीएचसी के निर्माण के बाद यह पहला मौका है कि आपरेशन द्वारा प्रसव किया गया. अब किसी भी महिला को डिलीवरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. महिला को एक सप्ताह के लिए सीएचसी में भर्ती किया गया है. एक सप्ताह के बाद टांके कटने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. तब तक मां और बच्ची को निगरानी में रखा जाएगा.''


यह भी पढ़ें- Aligarh News: जिला अस्पताल का बुरा हाल, डॉक्टरों के ड्राइवर और सफाईकर्मी कर रहे मरीजों का इलाज