Basti News: बस्ती (Basti) में सरकार की आंख में धूल झोंक कर फर्जी वोट के आधार पर प्रधान बनने वाले फ्रॉड को एसडीएम ने सबक सिखाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. एसडीएम के एक आदेश पर कूदरहा ब्लॉक के भंगूरा गांव की सरकार पल भर में गिर गई और पांच साल के बजाए दो साल में ही प्रधान के हाथों से उनकी प्रधानी छीन ली गई. प्रधान ने कभी सोचा नहीं होगा कि जिस प्रकार फर्जी वोट डालकर उन्होंने प्रधानी का पद हासिल किया है, उससे उन्हे कभी हाथ भी धोना पड़ सकता है.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे कुदरहा के भंगुरा ग्राम प्रधान के चुनाव को एसडीएम कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया. अब इस गांव का प्रधान पद रिक्त हो गया है. सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि दूसरी ग्राम पंचायत के 49 मतदाताओं ने अवैध रूप से मतदान कर परिणाम बदल दिया था. ग्राम पंचायत भंगुरा में कुल 1135 मत पड़े थे. उसमें अंजू को 349 मत जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी अनीता देवी चौरसिया को 335 मत मिले थे. अंजू कुमार 14 मतों से विजयी घोषित हुए. 40 मत अवैध घोषित कर दिए गए.
क्या है पूरा मामला?
चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद अनीता देवी चौरसिया ने छानबीन की, तो पता चला कि रोजगार सेवक को मिलीभगत से पूर्व प्रधान ने कप्तानगंज के 46 मतदाताओं का नाम सूची में शामिल करा लिया था. पुनरीक्षण के दौरान शिकायत भी की गई थी. इसके बावजूद सूची से नाम नहीं हटाया गया. इसी के चलते दूसरी ग्राम पंचायत के 49 मतदाताओं ने वोट डाल कर परिणाम पलट दिया.
इतना ही नहीं, 24 मार्च 2021 को अंजू का विवाह हुआ और 25 को ससुराल आई. 27 मार्च को मतदाता सूची का प्रकाशन हुआ, जिसमें इनका नाम दर्ज कर लिया गया. तथ्य जुटाने के बाद पीड़िता अनीता ने एसडीएम सदर कोर्ट में अपील की. दोनों पक्षों का साक्ष्य और बयान लेने के बाद एसडीएम सदर शैलेश दूबे ने चुनाव को अवैध घोषित कर दिया है.
इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम शैलेश दुबे ने बताया कि कुदरा ब्लॉक के भंगुरा गांव में 46 वोट अवैध थे, जिसके आधार पर कार्रवाई करते हुए वहां की प्रधानी निरस्त कर दी गई है और अब आगे की कार्रवाई के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र भेजा गया है.
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