Basti में 'मौत का पुल', जान जोखिम में डालकर लोग लकड़ी का जर्जर पुल कर रहे पार, अब तक 10 की मौत
UP News: बस्ती मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर कलवारी थाना क्षेत्र के सदर तहसील में आने वाले गांव माझा कला में अगर आपको जाना है तो आप अपनी जान को जोखिम में डालिए तब आप इस गांव में पहुंच पाएंगे.
Basti News: देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं, इसके बावजूद बस्ती (Basti) में सरकार आम नागरिकों को इतना भी अधिकार नहीं दे सकी कि वह एक पक्के पुल से होकर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी जी सकें. आज भी जान जोखिम में डालकर सैकड़ों ग्रामीण लकड़ी के बने पुल से आवागमन करने को मजबूर हैं और अधिकारी फाइलों में पक्का पुल बनाने में मशगूल है.
बस्ती मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर कलवारी थाना क्षेत्र के सदर तहसील में आने वाले गांव माझा कला में अगर आपको जाना है तो आप अपनी जान को जोखिम में डालिए तब आप इस गांव में पहुंच पाएंगे. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि इस गांव में जाने के लिए मात्र एक रास्ता है और वह भी किसी मौत के रास्ते से कम नहीं है.
क्या है पूरा मामला?
सालों पहले पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने माझा कला गांव सहित अन्य दर्जनों गांव में पहुंचने के लिए सरयू नदी की सोती पर एक लकड़ी के पुल का निर्माण कराया था. उसके बाद सरकार और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी खुद ही भूल गए कि उन्होंने कभी आम नागरिकों के लिए बेटे से पुल का निर्माण किया था जिसकी मियाद महत्त्व कुछ साल ही थी. इसके बावजूद यह पुल आज 20 साल से अधिक का वक्त गुजर जाने के बाद भी जर्जर हालत में खड़ा है और अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. स्कूल से गुजरने वाले 10 से अधिक युवाओं ने अपनी जान भी गंवा दी है, इसके बावजूद सरकार की नींद अभी नहीं टूटी है और पुल के दोनों तरफ रेलिंग बनाने के बजाय पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा कर कोरम पूरा कर लिया.
जान जोखिम में डालकर कर रहे पुल को पार
कलवारी थाना क्षेत्र में बने कठुआ नाम से इस पुल की हालत आज बेहद जर्जर हो चुकी है जिस कारण पुल से गिरकर कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. पुल के बीचो बीच दिखाई दे रहे बड़े-बड़े होल इस बात को साबित करते हैं कि यह पुल अब गिने-चुने दिनों का ही मेहमान है और आम नागरिक अपने अधिकारों का हनन करते हुए जान जोखिम में डालकर मौत के इस पुल से आने-जाने को मजबूर हो रहे हैं.
इस पूरे मामले को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिशासी अभियंता केशवराम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नए पुल के निर्माण के लिए शासन में प्रस्ताव भेजा गया है, जैसे ही स्वीकृति मिलेगी तो पुल का काम चालू कर दिया जाएगा. इसके अलावा वर्तमान में लकड़ी के पुल के दोनों तरफ रेलिंग नहीं है. इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. फिलहाल अब अपने मातहतों को निर्देश दे दिए हैं और जल्दी रेलिंग का काम पूरा किया जाएगा और पुल की मरम्मत भी कराई जाएगी.
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