Basti Nayab Tehsildar News: उत्तर प्रदेश स्थित बस्ती में महिला अधिकारी से बदसलूकी के मामले में अब सियासत शुरू हो गई है. एक ओर जहां महिला अधिकारी का आरोप है कि पुलिस उनकी सुन नहीं रही है और उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है तो वहीं अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने पीड़ित महिला अधिकारी का वीडियो पोस्ट करते हुए योगी सरकार पर सवाल किए हैं. 


सपा नेता ने लिखा- उप्र में जब एक पीसीएस महिला अधिकारी वीडियो के ज़रिये एक दूसरे अधिकारी के द्वारा उसके घर में घुसकर उसकी अस्मिता व जीवन के लिए ख़तरा बनने की बात कह रही हो लेकिन उसकी FIR तक लिखने में कई दिन लग गये हों तो भाजपा सरकार बताए कि ‘नारी शक्ति वंदन’ के ढोंग का नाटक वो क्यों कर रही है. 


पुलिस ने दी थे जानकारी
उन्होंने कहा कि ये एक बेहद गंभीर मामला है क्योंकि आम जनता के लिए प्रशासनिक अधिकारी ही सरकार का चेहरा होते हैं अगर वो अधिकारी ख़ुद ही असुरक्षित और पीड़ित होंगे तो जनता सरकार में रहा-सहा विश्वास भी खो देगी. समाजवादी पार्टी समस्त निष्ठावान अधिकारियों के समर्थन में खड़ी होकर, शीघ्र दंडात्मक-निर्णायक  कार्रवाई की माँग करती है. 




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इसी मुद्दे पर सपा के सहयोगी दल महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अखिलेश के पोस्ट को रीपोस्ट कर लिखा- बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ..भाजपा के लिए एक चुनावी शिगूफा है..जिस प्रकार काला धन और 15 लाख शिगूफा था.!


इस मामले में बीते दिनों अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया था कि, पीड़िता ने अपने एक सहयोगी के खिलाफ मारपीट और उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. उन्‍होंने बताया था कि तहरीर के आधार पर नायब तहसीलदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म), 307 (हत्‍या का प्रयास), 452 (बिना अनुमति घर में घुसकर चोट पहुंचाना), 323 (स्‍वेच्‍छा से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) , 354 (बल प्रयोग कर महिला का शील भंग करना) और 511 (आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध करने का प्रयास करने की सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.