Akhilesh Yadav in Basti: सपा के पूर्व विधायक नन्दू चौधरी के निधन के बाद शोक संवेदना व्यक्त करने बस्ती पहुंचे अखिलेश यादव ने परिवार से मिलकर सांत्वना दी. सांत्वना देने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने बस्ती की जनता का आभार देते हुए कहा कि पूरे जनपद वासियों ने अच्छा मतदान करते हुए समाजवादी के पक्ष में अच्छा परिणाम दिया,


भविष्य में भी जो किसानों के सवाल है नौजवानों के सवाल है महंगाई बेरोजगारी के सवाल पर जनता हमारा साथ देगी, सरकार के गलत फैसलों से महंगाई बढ़ती चली जा रही है. आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी.


अखिलेश यादव ने बोला नुपुर शर्मा पर हमला
वहीं बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि यदि कोई सच्चा हिंदू होगा तो वह किसी के धर्म के खिलाफ नहीं बोलेगा एक सच्चा हिंदू कभी किसी के भगवान या पैगंबर के खिलाफ नहीं बोलेगा न हमारी संस्कृति इसकी आजादी देती है कि हम किसी को अपमानित करें.


हमारा कानून  हमारा संविधान नहीं कहता है तो आखिरकार बीजेपी अपने प्रवक्ता के साथ क्यों खड़ी है. बीजेपी जो यह कहती है कि हम संविधान के साथ हैं कानून के साथ हैं तो कानून के तहत अपने प्रवक्ता पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. अखिलेश ने नसीहत देते हुए कहा कि बीजेपी को यह संकल्प कर लेना चाहिए कि ऐसे लोग जो किसी को अपमानित कर सकते हैं उन्हें आजीवन पार्टी से निकाल कर बाहर कर दे.  


बुलडोजर एक्शन पर भी उठाए सवाल
वहीं प्रदेश में चल रहे बुलडोजर के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि यह जो संस्कृति है कि हम कानून नहीं मानेंगे नियम नहीं मानेंगे हम संविधान नहीं मानेंगे हमारे समाज और देश को कहां ले जाएगी.  प्रयागराज की घटना पर उन्होंने कहा कि जो घटना है अगर उस परिवार के लोग बिजली का बिल देते थे, हाउस टैक्स देते थे, पानी का बिल देते थे तो आखिरकार वह गैरकानूनी कैसे है और अगर किसी ने डेवलपमेंट अथॉरिटी के तहत घर गलत भी बना लिया है, तो सरकार की योजना कंपाउंडिंग की है.


सरकार उससे पैसे ले और नक्शा सही करे सरकार ने कंपाउंडिंग नियम इसी लिए बनाया है कि कि लोग उसका पैसा देकर अपना नक्शा सही करा ले. पर भारतीय जनता पार्टी धर्म और जाति देखकर कार्रवाई कर रही है.


राहुल गांधी के लिए कही यह बात
राहुल गांधी से ईडी द्वारा पूछताछ के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि जितने भी हम राजनीति करने वाले लोग हैं इनको परीक्षा देनी पड़ती है जैसे दसवीं की परीक्षा है 12वीं की परीक्षा है ईडी भी एक परीक्षा है और यह मान लीजिए आप यह जो परीक्षा है यह डेमोक्रेसी की परीक्षा है.


डेमोक्रेसी में सोचिए परीक्षा हो रही है और इस तरह सरकार हमेशा करती आई हैं जो सरकार ताकतवर है. आज उत्तर प्रदेश में देख लो लेखपाल तहसीलदार एसडीएम मिल जाए वह आपके घर को गिरा देंगे आज किसी की भी जमीन किसी के नाम पर चढ़ा देंगे. आपके 1 एसओ से संबंध अच्छे हो, मिठाई ठीक दे दे तो किसी पर भी मुकदमा करा सकते हैं यह ईडी की परंपरा से लोगों को परेशान किया जा रहा है.


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