Basti News Today: बस्ती जिले में एक प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही की वजह से एक बुजुर्ग महिला की जान चली गई. प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी लापरवाही छिपाने के लिए मृतक के शव को इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया. घटना का खुलासा उस समय जब दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की मौत काफी पहले हो चुकी है. 


अस्पताल की लापरवाही और उन्हें धोखे में रखने की बात उजागर होते ही परिजन भड़क गए. परिजन शव के साथ दोबारा अस्पताल पहुंचे और जमकर बवाल काटा. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची. पुलिस ने दोनों पक्षों से बात करके मामले को शांत करवाया और आगे की विधिक कार्रवाई में जुट गई है. 


बुजुर्ग का पैर हो गया था फ्रैक्चर
यह मामला बस्ती के नगर थाना क्षेत्र का है, जहां एक बुजुर्ग महिला तरुवनिन्शा के पैर में फ्रेक्चर हो गया था. जिसका इलाज कराने के लिए परिजन बुजुर्ग महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे, जिसे डॉक्टरों ने एडमिट कर लिया. 


डॉक्टरों ने बताया कि बुजुर्ग का ऑपरेशन करना पड़ेगा, लेकिन उनमें खून और प्लेटलेट्स की कमी है.  परिजनों का कहना है कि जब बुजुर्ग महिला तरुवनिन्शा के शरीर में खून और प्लेटलेट्स की कमी थी तो डॉक्टरों को उनका ऑपरेशन नहीं करना चाहिए था. 


अस्पताल ने की डेड बॉडी रेफर
शिकायतकर्ता अब्लुद मजीद ने बताया कि लापरवाही में कुछ लोगों ने उनके मरीज का ऑपरेशन किया और हालत खराब होने पर रेफर कर दिया. अब्लुद मजीद ने बताया कि हम लोग तो पैर का ऑपरेशन करवाने के लिए आए थे, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी जान ले ली. उन्होंने बताया कि मरीज की मौत के बाद अस्पताल संचालकों ने डेड बॉडी को रेफर कर दिया. 


परिजन मरीज तरुवनिन्शा की मौत के बाद शव को रखकर कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए. पीड़ित परिजनों ने संबंधित अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. 


सीएमओ ने क्या कहा?
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल का आश्वासन देक मृतक के परिजनों के हंगामे को शांत कराया. इस पूरे मामले पर सीएमओ आरएस दुबे का कहना है कि घटना की जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.


अस्पताल संचालक ने दी सफाई
दूसरी तरफ निजी हॉस्पिटल के संचालक ने आरोपों पर सफाई देते हुए लीपा पोती करने की कोशिश की. निजी हॉस्पिटल संचालक ने दावा किया मरीज की स्वास्थ्य स्थिति काफी पहले से ही सीरियस थी. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान जब उसकी हालत ज्यादा खराब होने लगी तो उसे रेफर कर दिया गया, लेकिन परिजनों ने उसको ले जाने में देरी की. इसमें अस्पताल की कोई लापरवाही नहीं है. 


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