UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बस्ती  (Basti) से एक 'नटवरलाल' शिक्षक को गिरफ्तार किया गया है. उस पर आरोप है कि उसने महाराजगंज (Maharajganj) जिले में तैनात शिक्षक के प्रमाणपत्र के आधार पर पूर्व माध्यमिक स्कूल में 15 वर्षों तक नौकरी की. फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले इस शख्स ने सरकार को लाखों का चूना लगाया. इसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी आशीष अग्रवाल ने 15 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था.

  


दस्तावेज को लेकर ऐसे की हेरफेर


महराजगंज जिले के परतावल विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय पिपरा खादर में भानु प्रताप यादव सहायक अध्यापक हैं. वह मूल रूप से गोरखपुर के सराय महुलिया पोस्ट जमीन भीटी के निवासी हैं. जांच में पता चला कि संतकबीरनगर के धनघटा थाना क्षेत्र के दौलतपुर निवासी राम गोपाल ने अपना नाम भानु प्रताप यादव रख लिया और उनके प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर बस्ती जिले के गौर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय जलालाबाद में नौकरी हासिल कर ली.


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टीचर को बर्खास्त करने के बाद हुआ खुलासा


एसटीएफ की जांच में पाया गया कि गौर ब्लॉक में तैनात भानु प्रताप यादव का शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी है. इस आधार पर बीएसए ने उसे बर्खास्त कर खंड शिक्षा अधिकारी को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया. पैकोलिया थाने में खंड शिक्षा अधिकारी ओंकार नाथ वर्मा ने बर्खास्त शिक्षक भानु प्रताप यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. डीएसपी शेषमणि उपाध्याय ने बताया कि मुकदमे की तफ्तीश में पाया गया कि वांछित आरोपी का नाम भानु प्रताप यादव नहीं बल्कि राम गोपाल है. जांच पड़ताल पूरी कर पुलिस ने राम गोपाल को परसा गना तिराहे से गिरफ्तार कर लिया और कानूनी कार्रवाई पूरी कर जेल भेज दिया है. 


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