UP News: बस्ती जिले में कोतवाली थाना क्षेत्र के रौता चौराहे के पास पुलिस चौकी के बगल में एक वकील के घर में दिन दहाड़े हुई डकैती का 90 घंटे बाद खुलासा करते हुए बस्ती पुलिस ने अपनी पीठ भले ही थपथपाई ली हो मगर असल में यह घटना पुलिस के इकबाल को लेकर बड़ी चुनौती थी. इस घटना में दो डकैतों ने घर में रह रही वकील की पत्नी पर चाकू से हमला किया और 3 घंटे तक आराम से पूरे घर को खंगालते रहे. पुलिस चौकी से महज दस कदम की दूरी पर डकैत वारदात को अंजाम दे रहे थे और पुलिस हाथ पैर हाथ भर बैठी हुई थी. कोतवाली पुलिस ने इस डकैती कांड का खुलासा करते हुए रामदेव और राजेश गिरफ्तार किया है, जिसमें से रामदेव वादी अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा का पूर्व में ड्राइवर रह चुका है. वह घटना के 10 दिन पहले अपना कुछ बकाया पैसा मांगने के लिए वकील के पास घर भी आया था. मगर उसे जब उधारी वापस नहीं मिली तो उसने वकील के घर को निशाना बनाते हुए डकैती डाल दी.
बस्ती पुलिस के लिए यह पूरी तरीके से ब्लाइंड केस था और कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए सबसे पहले पुलिस ने डकैतों की उसे बाइक का नंबर खोजा जिससे वह घटना को अंजाम देने पहुंचे थे. इसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से लूटा गया पैसा और आभूषण भी बरामद कर लिया गया है. पूछताछ में मुख्य आरोपी रामदेव ने बताया कि वकील सुरेंद्र की वह गाड़ी चलाया करता था और उसका बकाया न देने पर उसने ऐसा कदम उठाया. वकील सुरेंद्र वर्मा के मुताबिक डकैती के दौरान लगभग ₹50000 नकदी गायब थे. मगर पकड़ने के बाद अपराधी रामदेव ने बताया कि उसने तो सिर्फ बीस हजार रुपये ही लूट थे, जिसमें से वह 12 हजार रुपये वापस कर रहा है. बस्ती पुलिस के लिए यह घटना बड़ी चुनौती थी जिसका खुलासा करते हुए दोनों अपराधियों को जेल भेज दिया गया.
गोपाल कृष्ण चौधरी ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अभियुक्तों द्वारा दिनांक 11 सितंबर को रौता चौराहे के पास दोपहर में एक वकील जिनका नाम सुरेंद्र मोहन वर्मा है के घर में दोनों मिल कर लूट करने गए थे. वकील की पत्नी अकेली घर पर थीं उसने इनका विरोध किया तो दोनों ने मिलकर उनकी पत्नी को सब्बल से मार कर घायल कर दिया और बाथरूम में बंद करके घर में लूट की. जिनमें प्राप्त सामान को बेचने जा रहे रहे थे कि पुलिस टीम ने उन्हें पकड़ लिया. एसपी ने बताया कि रामदेव से पूछने पर कि तुम वकील का नाम कैसे जानते हो बता रहा है कि साहब मैं पहले वकील साहब की गाड़ी चलता था. वकील साहब की पत्नी चलने में असमर्थ रहती हैं और वकील सुबह कचहरी चले जाते हैं व शाम को घर आते हैं. इस बात कि मुझे जानकारी थी इसलिए मौका देखकर हम लोगों ने लूट को अंजाम दिया. उक्त दोनों व्यक्तियों से और पूछा तो उन्होंने घर से लूटे गए 60000 के बारे में बताया कि वकील के घर से उन्हें लगभग 20000 मिले थे. जिसमें से यह पैसा बचा है, बाकी और हम लोग खाने पीने में खर्च कर दिए हैं.
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