UP News: जियो टैग नहीं होने के कारण बस्ती में एक राजस्व गांव विकास से कोसों दूर है. लोग सरकारी योजनाओं से बिल्कुल वंचित हैं. चुनाव के समय नेता ग्रामीणों से वादे करते हैं. जीतने के बाद जनप्रतिनिधि झांकने भी नहीं आते. ग्रामीणों ने तत्कालीन डीएम और कमिश्नर के सामने मुद्दे को उठाया है. शिकायत करने का सकारात्मक नतीजा नहीं निकला. जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने मामले का लिया संज्ञान है. उन्होंने ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का भरोसा दिलाया है. राजस्व गांव में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है.
राजस्व गांव में ग्रामीण सरकारी योजनाओं से कोसों दूर
1000 की आबादी वाले राजस्व गांव में ज्यादातर झोपड़ियां हैं. कुदरहा ब्लॉक के अगल बगल राजस्व गांव नक्शे में भी दर्ज है, लेकिन भरवलिया टिकुईया का कहीं लेखा जोखा नहीं है. राजस्व गांव का विकास से सरोकार नहीं है. ग्रामीण प्रधानी के चुनाव में मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 500 है. मतदाता लोकसभा और विधानसभा चुनाव का मत बस्ती के बजाय संतकबीरनगर में डालते हैं. राजस्व गांव की जनसंख्या भी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है. ग्रामीणों की मांग है कि राजस्व गांव को बस्ती के नक्शे में जगल मिले. बता दें कि संतकबीरनगर जिला बस्ती का एक हिस्सा हुआ करता था.
बस्ती से काटकर बनाया गया था संतकबीरनगर जिला
5 सितंबर 1997 को बस्ती से काटकर नए जिले का गठन किया गया. नए जिले का नाम संतकबीरनगर पड़ा. आज भी राजस्व गांव संतकबीरनगर जिले की सीमा से 4 से 5 किलोमीटर दूर है. आसपास के सभी गांव बस्ती जिले के नक्शे में दर्ज हैं. 26 साल से ऊपर बीत जाने के बाद राजस्व गांव संतकबीरनगर में दर्ज है. संतकबीरनगर से भी ग्रामीणों को निराशा का सामना करना पड़ता है. गांव में घटना होने पर ग्रामीण लालगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हैं. ग्रामीणों का आधार कार्ड और राशन कार्ड बस्ती जिले में चकिया ग्राम सभा के नाम से बना हुआ है.
चकिया को बस्ती में दर्ज करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किया. आज भी आबादी अधर में लटकी हुई है. जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने बताया कि सबसे पहले कुदरहा ब्लॉक में राजस्व गांव टिकुइया है. शासन स्तर पर पत्रावली पेंडिंग है. जिले की कमेटी से जांच रिपोर्ट आने के बाद फैसला ले सकते हैं. ग्राम पंचायत है या नहीं या ग्राम पंचायत की सरहद और हदें राजस्व अभिलेख के किस जिले से जुड़े हैं किस तहसील से जुड़े हैं देखना होगा. संबंधित ग्राम पंचायत में कुटुंब रजिस्टर, ब्लॉक के तहत हैं जानकारी इकठ्ठा की जाएगी. सभी अभिलेखों को विस्तृत जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.