(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मुकदमे की पेच से बस्ती में आई बाढ़! 150 गांवों के लोगों का आवागमन बाधित
Basti Flood News: बस्ती शहर के इस सड़क पर इन दिनों नाव चल रही है. महज 200 मीटर सड़क मुकदमे की पेंच में फंसने की वजह से दशकों से अधूरी पड़ी है. जिस वजह से इलाके में कुआनो नदी का पानी भर जाता है.
Basti Today News: आपको सुन कर हैरानी होगी कि मुकदमे की वजह से बाढ़ आ गई, लेकिन यह बात सौ आना सच है. मुकदमे की वजह से आई बाढ़ की वजह से 150 गांवों के लोगों का आवागमन बाधित है. बच्चे स्कूल जाने के लिए नाव का सहारा लेते हैं और हथेली पर जान रख कर स्कूल जाते हैं.
दरअसल वाल्टरगंज हरदिया मार्ग से बड़ी बक्सई गणेशपुर के बीच 200 मीटर सड़क मुकदमे की पेंच में फंसने की वजह से दशकों से अधूरी पड़ी है. सड़क के रास्ते में पड़ने वाली जमीन के मालिक ने मुकदमा कर कोर्ट से स्थगन आदेश ले रखा है, जिसकी वजह से सड़क अधूरी है और बाढ़ के समय में कुआनो नदी का पानी भर जाने की वजह से 150 गांव के लोगों का आवागमन प्रभावित हो जाता है.
अधूरी सड़क बनी बाढ़ का कारण
बस्ती शहर से सटे वाल्टरगंज हरदिया मार्ग से बड़ी बक्सई गणेशपुर जाने वाले रास्ते पर इन दिनों नाव चल रही है. महज 200 मीटर अधूरी सड़क बाढ़ का कारण बन गई है. कुआनो नदी के किनारे बसे इस इलाके में अधूरी सड़क की वजह से बाढ़ आ गई है. नदी के 300 मीटर की दूरी पर सड़क का वह हिस्सा है, जो दो दशक से मुकदमे की पेंच की वजह से नहीं बन पा रहा, जिसकी वजह से नदी का पानी पूरे इलाके में फैल गया और जिसकी वजह से लोगों को आने जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
सड़क पर फंसी मुकदमे की पेंच
मुकदमे की पेंच में फंसी सड़क के कट की वजह से कुआनो नदी का पानी रघुनाथपुर, कैनपुरा, मैसिर, सिकटा, गणेशपुर समेत 150 गांव के लोगों को प्रभावित कर रहा है. दर्जनों गांव के लोगों को बाइक और साइकिल नाव पर रख कर सफर करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों की है जो साइकिल नाव पर लाद कर स्कूल जाने को मजबूर हैं.
नाव का करवाया जाएगा इंतजाम
डीएम रवीश गुप्ता ने बताया के बाढ़ की स्थितियों पर लगातार नजर रखी जा रही है. राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है. घाघरा नदी के अलावा जो जनपद में छोटी नदियां कुआनो, मनवर पड़ती है उस की भी निगरानी की जा रही है, जहां भी आवश्यकता पड़ती है वहां पर नाव का तत्काल इंतजाम कराया जा रहा है.
(बस्ती से मोहम्मद शादाब की रिपोर्ट)
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