Azam Khan Case: बस्ती समाजवादी पार्टी नेता व उत्तर  प्रदेश अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम के पूर्व निदेशक अब्दुल गफ्फार के नेतृत्व में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. सपा नेता और कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा, पुत्र अब्दुल्ला आजम खां पर लगाये गये झूठे आरोपों को संज्ञान में लेते हुये उनके परिवार का उत्पीड़न बंद कराकर आरोपों से मुक्त कराया जाय.


सपा नेता अब्दुल गफ्फार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ राजनीतिज्ञ मोहम्मद आजम खाँ पर जनपद रामपुर के प्रशासन ने लगभग 180 फर्जी, झूठे और निराधार मुकदमें लगाए हैं. द्वेष की भावना से प्रशासन व पुलिस की सांठ-गांठ व मिली भगत से सरासर फर्जी और मनगढ़ंत मुकदमों में सजा दिलाई जा रही है. शासन व प्रशासन की यह द्वेषपूर्ण और बदले की कार्यवाही मोहम्मद आजम खाँ के पूरे परिवार के खिलाफ की गई है.


उनकी सेवानिवृत प्रोफेसर पत्नी तंजीम फातिमा के खिलाफ भी इसी प्रकार के झूठे व फर्जी मुकदमें लगाये गये हैं. आजम खाँ के पुत्र अब्दुल्ला आजम खां जो कि जनपद रामपुर के स्वार टाण्डा विधान सभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं, फिर भी फर्जी व झूठे मुकदमें कायम किये गये हैं.


"आजम खान के परिवार पर हो रहा जुल्म"
सपा के जिला उपाध्यक्ष जावेद पिण्डारी ने कहा कि मोहम्मद आजम खां दो साल से अधिक की जेल की यातना पूर्व में भुगत चुके हैं, अभी भी लगभग 11 महीने से जेल में हैं. उनकी पत्नी तंजीम फातिमा भी लगभग दो साल की जेल की यातना भुगत चुकी हैं और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खां जेल में हैं. राजनीतिक विद्वेष वश आजम खां के परिवार पर साजिशन जुल्म ढाया जा रहा है.


इसे बंद कराया जाना न्याय हित में होगा. राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने वालों में मुख्य रूप से राम सिंह यादव, नदीम अंसारी, गुड्डू खान, अरविन्द सोनकर, भोला पाण्डेय, युनूस आलम, रहमान सिद्दीकी, मो. हारिश, याकूब के साथ ही पार्टी के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे.


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