(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Basti News: बस्ती में सरकारी लापरवाही का गजब नमूना, स्कूल बनाया पर रास्ता नहीं, खेतों से जाने को मजबूर बच्चे
Basti News: बरसात में इस स्कूल तक पहुंचना और भी मुश्किल हो जाता है. बारिश के पानी से पगडंडी कीचड़ से भर जाती है और घुटने तक पानी भर जाता है, जहां से बच्चों और शिक्षकों को आना जाना पड़ता है.
Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती (Basti) में सरकारी लापरवाही का गजब नमूना देखने को मिला है. बस्ती मुख्यालय से 35 किमी दूर बहादुरपुर ब्लॉक के रामपुर गांव में माध्यमिक स्कूल तो बना दिया गया लेकिन यहां तक जाने के लिए रास्ते का निर्माण करना भूल ही गए. इस स्कूल को बने हुए सालों गुजर गए हैं, प्रदेश के निजाम भी बदल गए लेकिन इस स्कूल की दुर्दशा पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. सरकारी अव्यवस्था का दंश झेल रहा ये स्कूल आज भी एक अदद रास्ते के लिए तरस रहा है. गांव के बच्चे जैसे-तैसे पगडंडी के सहारे स्कूल पहुंचते हैं, बारिश में तो हाल और खराब हो जाता है.
बच्चों की शिक्षा के नाम पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, उनकी कॉपी, किताब से लेकर स्कूल बैग और ड्रेस तक पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है, मगर स्थिति बदलने के बजाय आज भी जस की तस बनी हुई है. रामपुर गांव में बना पूर्व माध्यमिक विद्यालय किसी टापू से कम नहीं है, जहां सीधा आप हेलीकॉप्टर से लैंड करके ही स्कूल में दाखिल हो पाएंगे. इस स्कूल को जाने के लिए आज तक कोई रास्ता नहीं बन पाया है. बच्चे गेहूं के खेत में मेड़ का सहारा लेकर कठिनाइयों से जूझते हुए स्कूल में पहुंचते है.
पगडंडी के सहारे स्कूल जाने को मजबूर बच्चे
बरसात के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है, बारिश के पानी की वजह से पगडंडी भी कीचड़ से भर जाती है और घुटने भर पानी में घुसकर बच्चों और अध्यापकों को आना जाना पड़ता है. इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि जब वे घर से निकलते है तो हर वक्त डर रहता है कि वो किसी तरह सलामत स्कूल पहुंच जाए. रास्ते में हर समय किसी जंगली जानवर के हमले का डर भी सताता रहता है. हैरानी की बात है कि इस स्कूल में आज तक शिक्षा विभाग के अधिकारी तक नहीं पहुंचे.
शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
अध्यापकों का कहना है कि उन्होंने कई बार बीएसए को पत्र लिखा मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस वजह से मजबूरी में उन्हें पगडंडी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. शिक्षकों का कहना है कि प्रधान जी ने कभी रास्ता बनवाने के लिए पहल नहीं की और खेत के मालिक स्कूल तक आने के लिए रास्ता बनने नहीं दे रहे, जिससे ये स्कूल आज तक रास्ता विहीन है. ऐसे में सवाल उस सरकारी सिस्टम पर खड़ा हो गया है जो करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद इन समस्याओं को हल करने में उदासीन रहता है.
इस मामले के मीडिया में आने के बाद डीएम ने पूरे मामले का संज्ञान लिया है, डीएम प्रियंका निरंजन ने कहा है कि इस मामले में बीएसए और एसडीएम को मौके पर भेजकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
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