सपा मुख्यालय में स्थापित हुआ संविधान मान स्तंभ, SP नेता बोले- 'PDA के लिए जारी रहेगा संघर्ष'
UP News: बस्ती में संविधान मान स्तंभ स्थापित करने के बाद सपा नेताओं ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का वैचारिक संघर्ष जारी रहेगा.
Basti News: समाजवादी पार्टी द्वारा आरक्षण अधिकार दिवस के मौके पर बस्ती पार्टी कार्यालय में प्रदेश नेतृत्व के दिशा निर्देश के अनुरूप संविधान मान स्तंभ स्थापित किया गया. सपा के जिला उपाध्यक्ष जावेद पिण्डारी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सपा विधायक राजेन्द्र चौधरी, कविन्द्र चौधरी अतुल, पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय आदि ने संविधान मान स्तंभ स्थापना के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला.
सपा नेताओं ने कहा कि आरक्षण की संकल्पना महात्मा ज्योतिराव फुले की है. ज्योतिराव फुले का उद्देश्य सभी को संख्या के अनुपात में आरक्षण देना था. 26 जुलाई सन 1902 को राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने संस्थान में आरक्षण का अमल शुरू किया. बाबा साहब ने आरक्षण को संवैधानिक दर्जा 26 जनवरी 1950 को दिया. उनका उद्देश्य हजारों सालों से जिनको संख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व नहीं था, उनको आरक्षण देना था अर्थात बहुजन समाज को राजनीतिक जमात बनाने के लिए उनमें से ही प्रशासक वर्ग निर्माण करना था.
पीडीए की लड़ाई जारी रहेगी
महात्मा ज्योतिराव फुले का अधूरा काम राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने करवीर कोल्हापूर संस्थान में पूरा किया. वहीं महात्मा ज्योतिराव फुले और राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज का अधूरा काम बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने भारतीय संविधान में आरक्षण की व्यवस्था करके पूरा किया. संविधान के मूल उद्देश्यों की रक्षा के लिये समाजवादी पार्टी अपना संघर्ष जारी रखेगी.सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का वैचारिक संघर्ष जारी रहेगा. समाजवादी लोग पीडीए की लड़ाई जारी रखेंगे.
क्या बोला सपा नेताओं ने
सपा विधायक राजेन्द्र चौधरी समेत कई अन्य नेताओं ने संविधान मान स्तंभ स्थापित करने के बाद कहा कि यह सरकार युवकों को नौकरियां भी सिर्फ इसलिए नहीं दे रही है. जिससे कहीं आरक्षण न देना पड़ जाए और दलित, पिछड़े वंचितों को उनका हक न मिल पाए. समाजवादी पार्टी सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है. पार्टी का मानता है कि नीति के आधार पर गणना ताकि समानुपातिक आधार पर सबको सम्मान बार हक अमिल हो सके. डॉ० राममनोहर लोहिया ने सबके विकास के लिए पिछड़ों को विशेष अवसर दिए जाने की मांग उठाया था. कहा कि हम सब लामबंद होकर नफरत का खेल खेलने वालों को सफल नहीं होने देंगे.
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