Basti News: देश में शिक्षा का बाजारीकरण इतनी तेजी से हो रहा है कि आपके पास जितना अधिक पैसा है आप उतनी बड़ी डिग्री खरीद सकते है. बस्ती में एक ऐसे कॉलेज की गंदी हरकत समाने आई है जहां एक होनहार और मेधावी छात्र का जीवन कॉलेज प्रबंधन ने बर्बाद कर दिया. पहले साल में इसी कॉलेज का टॉपर छात्र जब प्रशासन को 50 हजार की रिश्वत नहीं दे पाया तो उसे दूसरे सेमेस्टर में फेल कर दिया गया और बैक पेपर तक नहीं देने दिया गया. जीवन और समय बर्बाद होने के बाद पीड़ित छात्र ने डीएम से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है.  


मामला बस्ती थाना क्षेत्र के गोटवा बाजार में डॉ वीके वर्मा इंस्टीट्यूट और पटेल हॉस्पिटल का हैं, जहां साल 2024 में राकेश चौधरी नाम के छात्र ने डी फार्मा में दाखिला लिया था. पहले वर्ष राकेश ने पूरे कॉलेज में टॉप किया और उसे कॉलेज के प्रबंधन ने सम्मानित भी किया. मगर दूसरे वर्ष राकेश से 50 हजार की रिश्वत मांगी जाने लगी, जबकि प्रति वर्ष 45 हजार की फीस के हिसाब से राकेश ने कॉलेज को 1.20 लाख दे चुका था फिर भी उससे 50 हजार की अतिरिक्त राशि मांगी गई. 


छात्र ने कॉलेज पर लगाए पैसे मांगने के आरोप
राकेश जब कॉलेज की डिमांड पूरी नहीं कर पाया तो उसे सेकंड सेमेस्टर में फेल कर दिया गया और जब उसने बैक पेपर के लिए आवेदन किया तो उसे एडमिट कार्ड ही नहीं दिया. जिसकी वजह से उसका पूरा सेमेस्टर बर्बाद हो गया. राकेश के सिर से पिता का साया पहले उठ चुका है. मामा के सहयोग से वो पढ़-लिखकर अपने सपने साकार करना चाहता था लेकिन माफियाओं के आगे बेबस हो गया. होशियार होने के बावजूद उसे फेल का तमगा थमा दिया गया. लेकिन राकेश ने कॉलेज की पूरी करतूत का वीडियो बना लिया. जिसके बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मचा है. 




पीड़ित छात्र ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर अब न्याय की गुहार लगाई है. उसका कहना है कि 13 जनवरी को जब वह एडमिट कार्ड लेने कॉलेज गया, तो कॉलेज के बड़े बाबू ने उससे 50 हजार रुपये की मांग की. पैसे देने से मना करने पर उसे एडमिट कार्ड नहीं दिया गया. जिसकी वज से वो परीक्षा नहीं दे पाया. छात्र का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने उनके साथ मारपीट की और करियर बर्बाद करने की धमकी भी दी. 


मामले की जांच के आदेश
इस पूरे मामले पर कॉलेज के प्रबंधक डॉक्टर वीके वर्मा से जब उनका पक्ष लिया गया तो वो गोलमोल जवाब देते दिखे और छात्र पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उसकी कुछ फ़ीस बची हुई थी. जिसके बारे में मैनेजमेंट बता सकता है. फेल होने के सवाल पर कहा कॉपी उनके कॉलेज में चेक नहीं होती, इसलिए जो भी रिजल्ट आया होगा वो सही है. एडमिट कार्ड भी वो ख़ुद लेने नहीं पहुंचा. वहीं डीएम रवीश कुमार गुप्ता ने मामले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है. जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.  


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