Basti News: पूर्वांचल का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला बस्ती जनपद का नाम आज भी पिछड़े इलाको में होता है, यहां के जनप्रतिनिधि कभी पहल ही नहीं किए कि बस्ती जिले और उसके आस पास के छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने के लिए बाहर का रुख न करना पड़े, कुछ साल पहले यूनिवर्सिटी बनने की चर्चा शुरू हुई तो डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल बस्ती जिले के बनने वाली यूनिवर्सिटी को जमीन न होने का हवाला देकर अपने संसदीय क्षेत्र सिद्धार्थनगर जिले में ले गए, और आज भी बस्ती जनपद के युवा होनहार छात्र एक अदद विश्वविद्यालय के लिए आज भी तरस रहे है.
एक बार फिर से बस्ती जिले में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए पूर्व छात्र नेता रहे दुर्गादत्त पांडे ने पहल शुरू की है. उनके निवेदन पर अब तक 10 से अधिक जनप्रतिनिधि और शिक्षा के जानकारों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, जिसमे बीजेपी के कई विधायक और सांसद भी शामिल है. अब बस्ती जनपद में यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए हरैया विधानसभा के भाजपा विधायक अजय सिंह ने विधानसभा में नियम 51 के तहत सवाल लगाया है, जिसमे योगी सरकार के मिनिस्टर इस प्रकरण में अपना जवाब देंगे.
आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जन्मस्थली है बस्ती
बस्ती जिला महान साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जन्मस्थली रही है, इसके बावजूद जिले में उनके नाम को जीवित रखने के लिए जिम्मेदारी ने आज तक कोई पहल नहीं की, अब उनके नाम से आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक सार्थक पहल शुरू की गई है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी इस मामले को लेकर प्रतिनिधि मंडल मिल चुका है. लगातार एक अभियान चलाकर हर वर्ग को इससे जोड़ा जा रहा है ताकि विश्वविद्यालय की मांग को प्रबल तरीके से पूरी कराया जा सके.
हिन्दी साहित्य के पुरोधा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर हिन्दी विश्वविद्यालय बनाने की मांग तेज हो गई है. पिछले कई वर्षों से यह मांग की जा रही है. इसी क्रम में हरैया विधायक अजय सिंह ने आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम पर हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना के संदर्भ में नियम 51 के अंतर्गत सूचना देकर वक्तव्य की मांग किया. इसके उत्तर में विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे ने पत्र जारी कर जानकारी दिया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उक्त सूचना को वक्तव्य के लिए स्वीकार किया गया है.
क्या बोले विधायक अजय सिंह
विधायक अजय सिंह ने बताया कि आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये लम्बे समय से मांग चल रही है. दुर्गादत्त पाण्डेय के साथ ही अनेक शिक्षक, छात्र निरन्तर इस मांग को लेकर सरकार से रचनात्मक पहल का आग्रह करते रहे हैं. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये उनका प्रयास अनवरत जारी रहेगा और सरकार आवश्यकता को देखते हुए गंभीरता से विचार कर इस पर शीघ्र घोषणा भी कर सकती है. यह बस्ती के साथ ही पूर्वान्चल के लिये बड़ी उपलब्धि होगी.
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