UP News: उत्तर प्रदेश प्रशासन के निर्देश पर बस्ती जनपद में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम शुरू हो गया है, डीएम के निर्देश पर तीन सदस्यीय टीम गठित कर 10 अक्टूबर तक जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. यह जांच 12 बिंदुओं के आधार पर की जा रही है. बस्ती जिले में कुल कुल 144 मदरसे संचालित हैं जिसमें 122 मदरसे मदरसा बोर्ड पर पंजीकृत है. शेष 22 मदरसे अन्य कारणों से मदरसा पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है पर मान्यता प्राप्त है.
जांच टीम के सदस्य उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण डॉ विजय प्रताप यादव और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच करने पहुंचे, जहां मदरसा अरबिया अहले सुन्नत अनवारुल उलूम बजहा, मदरसा अहले सुन्नत दावते इस्लाम, मदरसा अरबिया अहले सुन्नत पड़ियापार व मदरसा जियायुल इस्लाम डेल्हापार की जांच की.
अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि सरकार बिना मान्यता के चल रहे है. मदरसे की जांच 12 बिंदुओं पर करा रही है जिससे जो इसमें पढ़ने वाले छात्र है, उनके भविष्य से खिलवाड़ न हो सके. इन बारह बिंदुओं में मदरसे के इंफ्रास्ट्रक्चर, मदरसों में बच्चों की संख्या अन्य हैं और सबसे मुख्य उन मदरसों के आय के स्रोत क्या है? इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब हम इन मदरसों में जांच के लिए गए तो उनके द्वारा सहयोग प्रदान किया गया ये सब बहुत पुराने मदरसे हैं जो 19 की दशक से संचालित हैं. इन मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ साथ हिंदी, सोशल साइंस की भी शिक्षा दी जा रही है लेकिन कोविड काल से ये बंद चल रहे हैं.
वहीं अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि ये तीनों मदरसे पुराने तो हैं पर अभी तक मान्यता के लिए अप्लाई नहीं किया इसमें दो की सोसाइटी ही नहीं है और तीसरे की सोसाइटी कालातीत हो चुकी है. मान्यता न लेने का कारण पूछने पर उनलोगों ने बताया कि जानकारी का अभाव था इसलिए नहीं लिया गया, उन मदरसों में एक की आय का स्रोत पढ़ने वालों बच्चों से फीस व गांव के लोगों से चंदा है वहीं अन्य दो मदरसों में गांव के स्थानीय लोगों से चंदा ले कर चलता है ऐसा कोई मदरसा अभी जांच में पाया गया जिनका चंदा बाहर से आ रहा हो.
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