Basti News: बस्ती (Basti) में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने शिक्षकों ने विशाल धरना दिया. पेंशन बहाली संयुक्त मंच ‘एनजेसीए राष्ट्रीय नेतृत्व के आवाहन पर आयोजित धरने में एनपीएस का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया गया. धरने के बाद पुरानी पेशंन बहाल किए जाने और बेसिक शिक्षा परिषद में नियुक्त किए गए ठेका, संविदा, मानदेय, शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रसोईया, लेखाकार, कम्प्यूटर ऑपरेटर और जिला समन्वयक आदि को नियमित वेतनमान का कर्मचारी बनाए जाने आदि की मांग पर केन्द्रित एक सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को सौंपा गया.


इसी कड़ी में स्थानीय समस्याओं को लेकर दूसरा ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनूप कुमार त्रिपाठी को सौंपा गया. वहीं धरने को सम्बोधित करते हुए संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने कहा कि साल 2005 में लागू की गई एनपीएस व्यवस्था की दुर्दशा को बयान नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि 18 साल के बाद भी एनपीएस में समय से न तो खाते खुले और न ही कटौतियां व्यवस्थित ढंग से हुईं. दोष पूर्ण व्यवस्था के कारण अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक आर्थिक, मानसिक उत्पीड़न झेल रहे हैं. आकस्मिक दैवीय घटना होने पर परिवार का भविष्य सुरक्षित नहीं रह गया है. एनपीएस की सबसे बड़ी आप अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक के हजारों करोड़ की धनराशि शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड और अन्य वित्तीय संस्थाओं के बॉन्ड में निवेश की जा रही है. उसके आय और परिणामों के आधार पर पेंशन निर्धारित होगी.


21 अक्टूबर को जनपद के सभी स्कूलों में तालाबंदी
संघ जिलाध्यक्ष उदय शंकर शुक्ल ने कहा कि देश हर्षद मेहता सहित शेयर बाजार में हुए अनेकों घोटालों को जानता है. सरकार द्वारा एनपीएस में पेंशन भुगतान की गारंटी भी नहीं दी गई है. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्ण पीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि कर्मचारियों की पेंशन भीख नहीं है, बल्कि उनका अधिकार है. पुरानी पेंशन की बहाली कोई नई मांग नहीं है. सेवानिवृत्त के बाद जीवन यापन हेतु हमसे और हमारे परिवार से छीनी गई सुविधा को वापस दिलाया जाए. उन्होंने आवाहन किया कि अपने अधिकारों के लिए कर्मचारी सजग हो वरना सरकार एक-एक कर अधिकार छीन लेगी. उन्होंने कहा कि पेंशन प्राप्त करना कर्मचारियों का विधिक अधिकार है. आगामी 21 अक्टूबर को जनपद के सभी परिषदीय विद्यालय पूर्ण तालाबंदी करेंगे. सभी शिक्षक अपने विद्यालय परिवार सहित आन्दोलन में शामिल होंगे.


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