Basti Fake Car Number Plate: बस्ती में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर एक कार 8 सालों तक सड़कों पर फर्राटा भरती रही लेकिन आरटीओ (RTO) और ट्रैफिक विभाग (Traffic Police) को इस बात की भनक तक नहीं लग पाई. इस दौरान कार मालिक ने कई बार बीमा (Insurance) भी करवाया और सड़क हादसे होने के बाद बीमा कंपनी से क्लेम भी लिया बावजूद इसके संबंधित विभाग के जिम्मेदार इससे अनजान बने रहे. इस बात की जानकारी होने के बाद कार मालिक ने शोरूम के मालिक तत्कालीन एआरटीओ और लिपिक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है.
इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब सितंबर 2022 में कार के मालिक ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए आवेदन किया. इसके बाद आरटीओ विभाग में या आवेदन पहुंचा तो वहां से चौंकाने वाली बात सामने आई. कार मालिक को यह बताया गया कि आपका नंबर प्लेट फर्जी है, यानी कि 8 साल तक कार मालिक फर्जी रजिस्ट्रेशन पेपर लेकर चलता रहा और इस बात की भनक किसी को नहीं लग पाई. कार मालिक मनीष मिश्रा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में गोरखपुर के एक कार शोरूम से कार खरीदी थी, इसके बाद उन्होंने रजिस्ट्रेशन पेपर के लिए शुल्क भी जमा किया मगर उन्हें फर्जी आरसी पेपर दे दिए गए.
जानिए कैसे हुआ मिलीभगत का ये खेल
मनीष मिश्रा ने कहा कि उन्हें जो रजिस्ट्रेशन पेपर मिला था उसके अनुसार कार का नंबर UP 51 AA 6262 दिया गया. उन्हें लगा कि वाहन शोरूम मालिक के द्वारा फर्जी पेपर नहीं दिए जाएंगे, लेकिन उनको विश्वास में लेकर धोखाधड़ी करते हुए ऐसा पेपर दे दिया गया जिसका आरटीओ विभाग में पंजीकरण ही नहीं हुआ था. इसी नंबर प्लेट को लगाकर वह अपनी कार को 8 साल तक सड़कों पर लेकर चलते रहे, एक्सीडेंट भी हुआ तो वह बीमा का भी लाभ लिया और हर साल बीमा का रजिस्ट्रेशन करवाया.
अब जब मामला खुलकर सामने आ गया है और वाहन शोरूम के मालिक और आठवीं विभाग की मिलीभगत उजागर हो चुकी है तो उन्होंने तत्काल कोतवाली में अपने साथ में धोखाधड़ी की एफ आई आर दर्ज करवाई है. इस मामले में तत्कालीन एआरटीओ शंकर जी सिंह वर्तमान में बांदा जिले में तैनात है और संबंधित बाबू शिवानंद अब रिटायर हो चुका है. अब देखना है कि बस्ती पुलिस आरटीओ और रिटायर बाबू समेत फर्जीवाड़ा करने वाले शोरूम मालिक के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है.
पुलिस ने दर्ज की शिकायत
एएसपी दीपेंद्र चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि इसमें वादी पक्ष प्रस्तुत हुआ था, उन्होंने काफी समय पहले एक वाहन लिया था, उसका आरोप है कि इस वाहन की जो आरसी है और जो भी नंबर उसको अलॉट किए गए, जब वो हाई सिक्योरिटी प्लेट के लिए आरटीओ गया था, तो उसको ये जानकारी हुई कि उसकी आरसी और नंबर प्लेट फर्जी है. इस मामले उसने आरटीओ ऑफिस और डीलर की मिलीभगत बताई है. आरोप के संबंध में एफआईआर कोतवाली में दर्ज की गई है. मामले की जांच की जा रही है. जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.
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