लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो कानून पर कई सवाल खड़े कर रहा है. दरअसल, जिस शख्स की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी को जेल भेजा था वो खुद पुलिस थाने जा पहुंची.


जानकारी के मुताबिक, संत कुटीर आश्रम के मुख्य कथा वाचक बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद का नाम उस वक्त चर्चा में आया था जब वो वर्ष 2017 में 17 दिसंबर को बाबा के आश्रम की तीन साध्वियों ने बलात्कार की एफआईआर करवाई. उसके बाद इस मामले में एक के बाद एक मुकदमा दर्ज होते गया और पुलिस केस को सुलझाने के बजाए खुद उलझती चली गई.


जिंदा साध्वियों को जीवित मानने को तैयार नहीं हुई पुलिस


बाबा सच्चिदानंद पर फरार होने के बाद 50 हजार का इनाम घोषित हुआ और पिछले हफ्ते एसटीएफ ने पकड़कर उसे जेल भेज दिया. मगर बाबा और उनकी दो साध्वियों पर एक साधक सहित दो साध्वी की हत्या का मुकदमा लालगंज थाने में दर्ज कराया. इस केस की छानबीन में पुलिस जुटी, जिनकी हत्या का बाबा और उनकी साध्वियों पर आरोप लगा वो खुद चलकर पुलिस से सारी हकीकत बताने पहुंची मगर विवेचक ने जिंदा साध्वियों को जीवित मानने को तैयार ही नहीं हुआ और चार्जशीट कोर्ट में प्रेषित कर दिया.


इस चार्जशीट में दो साध्वियों के नाम निकाल कर बाबा सच्चिदानंद सहित तीन अन्य साध्वी को आरोपित कर दिया गया. एएसपी दीपेंद्र चौधरी से मिलने पहुंची साध्वी उर्मिला बाई अपनी साथी साध्वियों को लेकर मिलने आई और बताया कि साधक तपस्यानंद, उर्मिला बाई और वंदना बाई की हत्या के मामले में बाबा सच्चिदानंद सहित अभेदानंद, शीतलाबाई, माधवी बाई, रश्मि बाई और मालती बाई पर लालगंज थाने में 10 मार्च 2017 को अपहरण कर हत्या की एफआईआर दर्ज हुई.


पुलिस के सामने खुद का जिंदा होने का सुबूत लेकर पहुंची


ये एफआईआर तपस्यनंद की मां ने खुद तहरीर देकर बाबा और उनके सहयोगियों को आरोपी बनाया मगर इस मामले में उस वक्त नया मोड़ तब आ गया जब मृतक उर्मिला बाई पुलिस के सामने खुद का जिंदा होने का सुबूत लेकर पहुंची. पुलिस इस मामले में कुछ आरोपियों का नाम निकाल दिया और बाकी को आरोपित कर फाइल कोर्ट भेज दी. इस मामले में पीड़ित साध्वी का कहना है कि बाबा पर रेप का आरोप लगाने वाली साध्वी आश्रम की जमीन हड़पने की साजिश रचने वालों की साजिश का शिकार हो गई और उन्होंने पर बाबा को झूठे आरोप में फंसा दिया.


इस पूरे मामले में बिहार के नेवादा, शेखपुरा जिले से लेकर बस्ती जिले के कोतवाली और लालगंज थाने में कई एफआईआर दर्ज हुई जिसमे कार्रवाई करने में पुलिस भी कन्फ्यूज है और कुछ मामले में गिरफ्तारी हुई तो किसी एफआईआर में आज तक पुलिस ने कुछ नहीं किया. आश्रम की बेशकीमती जमीन हड़पने की नियत से बाबा सच्चिदानंद के साधक और साध्वी ही आपस में एक दूसरे के दुश्मन बन बैठे और नतीजा सबके सामने है, बाबा सच्चिदानंद का सत्संग का पूरा साम्राज्य समाप्त हो गया. एएसपी ने इस मामले को लेकर कहा मामले की जांच की जा रही है, तथ्य सामने आने के बाद कार्यवाई की जाएगी.


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