UP News: बस्ती विकास प्राधिकरण (Basti Development Authority) की महायोजना-2031 के खिलाफ व्यापारी और आम जनता सड़क पर उतर आए हैं. 1 अगस्त से बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करने की सुगबुगाहट शुरू गई है. पुरानी बस्ती के व्यापारियों ने महायोजना के खिलाफ मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम प्रियंका को सौंपा. गांधीनगर में  मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया गया.


बीडीए पर भ्रष्टाचार के लग रहे आरोप


बीडीए की महायोजना के खिलाफ व्यापारी नेता गौरव गुप्ता ‘विक्की’ के नेतृत्व में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला. ज्ञापन में कहा गया है कि प्राधिकरण लागू होने से सबसे ज्यादा परेशानी मध्यम वर्गीय और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को हो रही है. कोरोना काल के बाद ऐसे ही आम जनमानस आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. इतना ही नहीं सांसद हरीश द्विवेदी भी बीडीए के खिलाफ खुलकर सामने आ गए है. बीजेपी के पूर्व विधायक ने तो बीडीए को भ्रष्टाचार का अड्डा तक बता दिया. 


500 फुट के बैनर के साथ प्रदर्शन


बीडीए की कार्यशैली से नाराज व्यापारियों ने कहा कि विकास प्राधिकरण व्यवस्था से भवन निर्माण में काफी कमी आई है. भवन निर्माण संबंधी रोजगार करने वाले बेरोजगार हो गए हैं. व्यापारी नेता ने डीएम को बताया कि बस्ती छोटा शहर है. विकास प्राधिकरण लागू करने का जो मापदंड किसी जिले के लिए चाहिए उस मापदंड पर बस्ती खरा नहीं उतरता है. बीडीए की महायोजना 2031 के खिलाफ पूर्वांचल राज्य जनांदोलन के नेतृत्व में व्यापारियों ने गांधीनगर में आज एक मानव श्रृंखला बनाई. हनुमान मंदिर से गांधीनगर बाजार 500 फीट लंबे बैनर के साथ व्यापारियों ने प्रदर्शन किया.


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आपत्ति दर्ज कराने की बढ़ाई गई तारीख


फिलहाल महायोजना-2031 पर आपत्ति और सुझाव प्राप्त करने के लिए डीएम और बीडीए की उपाध्यक्ष प्रियंका निरंजन ने एक महीने का समय बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया है. बीडीए सदस्यों के सुझाव पर डीएम ने यह निर्णय लिया है. डीएम ने कलेक्ट्रेट सभागार में बीडीए के सदस्यों और अधिकारियों की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान नक्शे से लोगों में भ्रम की स्थिति है. इसे दूर करने के लिए अभी और समय की जरूरत है. महायोजना का नक्शा सेटेलाइट से प्राप्त चित्र के अनुसार है. वर्ष 2021 की महायोजना में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. सड़कों का चिह्नीकरण पीडब्ल्यूडी, नगर पालिका व नगर पंचायत से प्राप्त सूचना के अनुसार किया गया है. चार मीटर वाली सड़कों को फिर से सूचीबद्ध किया जाएगा. महायोजना में जो सड़क व बाजार छूट गए हैं, उन्हें भी शामिल किया जाएगा.


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