Lok Sabha Election 2024: मतदान से पूर्व बस्ती लोकसभा में 91 ट्रांसजेंडर मतदाताओं के फर्जी पाये जाने का मामला सामने आया है. यह खुलासा एनजीओ इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा ट्रांसजेंडर मतदाताओं के विधानसभा वार भौतिक सत्यापन में हुआ.इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय कुमार पाण्डेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश और जिला निर्वाचन अधिकारी पत्र को भेजकर विस्तार से पूरी जानकारी उच्च अधिकारियों को दिया गया है.
आगामी 25 मई को होने वाले मतदान में जनपद में कुल 1,89,0356 मतदाताओं द्वारा चुनाव प्रक्रिया संपन्न होनी है. जिसमें पुरुष मतदाता 1,00,5201 है. 8,85,057 महिला मतदाताओं के साथ 98 थर्ड जेंडर मतदाता भी शामिल है. ट्रांसजेंडर मतदाताओं को लेकर सच तब सामने आया जब ट्रांसजेंडर के हितों के लिए कार्य कर रही जिले में सक्रिय एनजीओ इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी ने ट्रांसजेंडर मतदाताओं का विधानसभा वार भौतिक सत्यापन करवाया और पाया कि 98 थर्ड जेंडर मतदाताओं के सापेक्ष केवल 7 वैध थर्ड जेंडर मतदाता ही जिले में है जिनका एपिक कार्ड बना हुआ है.
27 मतदाता का नाम थर्ड जेंडर के रुप में
विधानसभा बस्ती सदर 310 की महिला मतदाता रीना गौड़ ने जिनका मतदान स्थल प्राइमरी स्कूल बैरियहवा है. उन्होंने एआरओ को संबोधित एनजीओ को भेजे पत्र में मांग किया है कि वह एक महिला मतदाता है न कि थर्ड जेंडर और उनके दो बच्चे भी है. इसका सुधार किया जाए. लेकिन सुधार नहीं हो सका. ऐसे ही बस्ती सदर विधानसभा की प्रगति श्रीवास्तव, जुबेर अहमद, नवीन कुमार, ज्योति त्रिपाठी, इलायची जैसी कुल 27 मतदाता थर्ड जेंडर के रूप में है. लेकिन हकीकत में केवल चार मतदाता ऐसे हैं जो वैध थर्ड जेंडर मतदाता है. शेष 23 मतदाता जो थर्ड जेंडर नहीं है. वह पुरुष है या तो महिला है.
कप्तानगंज में 21 मतदाता फर्जी
यही हाल विधानसभा कप्तानगंज का है. जिसमें ट्रांसजेंडर मतदाताओं के रूप में कुल 22 मतदाता है. लेकिन केवल एक मतदाता सुमन यादव है जो कि ट्रांसजेंडर मतदाता है. शेष 21 मतदाता फर्जी है. हरैया विधानसभा में कुल 11 मतदाता थर्ड जेंडर के रूप में दर्ज हैं. लेकिन केवल एक ही वैध मतदाता पूजा रमेश ट्रांसजेंडर है. शेष 10 मतदाता फर्जी विधानसभा रुधौली में कुल 32 ट्रांसजेंडर मतदाता आंकड़ों में दर्ज है. उसमें केवल एक मतदाता सीमा किन्नर ही वैध थर्ड जेंडर मतदाता है. शेष 31 मतदाता फर्जी है. इन फर्जी मतदाताओं में कुछ शादीशुदा और बाल बच्चे वाले भी हैं.
एनजीओ ने सुधार के लिए किया था अनुरोध
एनजीओ ने व्यक्तिगत स्तर पर प्रत्येक विधानसभा के लगभग 50 बीएलओ को गलतियों को सुधारने के लिए अनुरोध किया था. लेकिन बीएलओ ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दिया. जबकि इस गलती का सुधार करने की जिम्मेदारी फॉर्म सात के अपडेशन के साथ प्रथम दृष्टि बीएलओ की बनती है. हालांकि उच्च अधिकारियों के पर्यवेक्षण और पदीय दायित्व के निर्वहन की भी कमी स्पष्ट दिख रही है. इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इंदिरा चैरिटेबल सोसाइटी बरसों से जिले में लगातार किन्नरो के हित के लिए कार्य कर रही है.
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