UP News: बस्ती के अस्पताल से डॉक्टर साहब नदारद, वार्ड ब्वॉय कर रहे मरीजों का इलाज
UP News: बस्ती के राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर राकेश यादव अक्सर अस्पताल से गायब रहते हैं. जिसके कारण मरीजों का इलाज वार्ड ब्वॉय को करना पड़ता है.
Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में इन दिनों एक राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सालय काफी चर्चा में है. दरअसल राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सालय कोहड़ा में एक ऐसे भी डॉक्टर हैं जो पूरी तरह से अस्पताल से नदारद रहते हैं. ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीजों को दवा देने का काम झाड़ू पोछा लगाने वाले वार्ड ब्वॉय को करना पड़ता है. जानकारी के अनुसार अब प्रशासन ने आनन फानन में डॉक्टरों को लेकर एडवाइजरी जारी की है.
बताया जा रहा है कि राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सालय कोहड़ा में डॉक्टर राकेश यादव अस्पताल के प्रभारी पद पर तैनात हैं. आलम यह है कि सालों बीत जाने के बावजूद डॉक्टर राकेश ने कभी अस्पताल में कदम तक नहीं रखा. ऐसे में इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को वार्ड ब्वाय दवा देते नजर आते हैं. वार्ड ब्वॉय अनिल पांडे के अनुसार अस्पताल में साफ सफाई करने के बाद मरीजों के आने पर उसे डॉक्टर का रोल निभाना पड़ता है और दवा भी देनी पड़ती है.
कभी ड्यूटी पर नहीं जाते डॉक्टर
दरअसल बस्ती और सिद्धार्थनगर जिले के बॉर्डर के गांव में बने इस अस्पताल में जांच करने के लिए कोई अधिकारी जल्दी नहीं आते. यहीं कारण है कि अस्पताल में तैनाती पाए डॉक्टर साहब कभी ड्यूटी पर नहीं जाते. वहीं दूसरी ओर कोहड़ा गांव के लोगों को यह तक नहीं पता कि असल में डॉक्टर साहब कौन है. इस अस्पताल को चला रहे वार्ड ब्वॉय अनिल पांडे को ही ग्रामीण डॉक्टर समझते हैं.
वार्ड ब्वॉय कर रहा मरीजों का इलाज
लाखों रुपए खर्च कर सरकार ने इस अस्पताल का निर्माण करवाया और लाखों रुपए की सैलरी हर महीने इस अस्पताल के संचालन पर खर्च हो रही है. ऐसे में अस्पताल में डॉक्टर के बजाए वार्ड ब्वॉय मरीजों का इलाज कर रहा है. सरकार ने इस अस्पताल में रुकने के लिए आवासीय परिसर का भी निर्माण करवाया है, जिससे यहां तैनात डॉक्टर हर समय मरीजों के इलाज के लिए उपलब्ध रह सकता है.
धूल फांक रहे सरकारी आवास
फिलहाल डॉक्टर के लिए बनाए गए आवास धूल फांक रहे हैं, यह आवास बदहाल हो चुका है. डॉक्टर राकेश यादव की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. इस मामले में जिले के होमियोचिकित्सा अधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि 'सभी होमियो पैथिक चिकित्साधिकारी को साफ-साफ निर्देश दे दिया गया है कि अपनी रोज की उपिस्थिति उन्हे भजेंगे तो ही उनका वेतन आहरित होगा. फिर भी शिकायत मिलती है तो ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी.'
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