Basti News: कहते हैं अगर कोई प्रेरणा देने वाला हो तो प्रेरणा लेने वालों की कमी नहीं है, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले महिला सशक्ति बनाने के लिए सभी भारतीयों से अपील की थी. प्रधानमंत्री का यह भी मानना था कि भारत की प्रत्येक महिला को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है. पीएम मोदी के इस विचार से बस्ती जिले एक महिला इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने लाखों की विदेशी नौकरी छोड़ दी और भारत की ओर रुख कर लिया और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही हैं.


महिला का नाम अंशु सिंह है, जो पीएम मोदी के महिला सशक्तिकरण विचार को लेकर इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने विदेशी नौकरी में मिलने वाले लाखों का पैकेज तक ठुकरा दिया और अपने गृह जनपद बस्ती की ओर रुख किया. इतना ही नहीं जिले में आकर वह ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने के अभियान में जुट गई. अंशु ने अपनी शुरुआती शिक्षा- दीक्षा लखनऊ में पूरी की और स्नातक करने वह 2005 में लंदन चली गई, जहां पर उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की. 


पीएम मोदी के विचारों से हुईं प्रभावित
पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने तमाम प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम किया लेकिन पीएम मोदी के महिला सशक्तिकरण के विचार से वो इस कदर प्रभावित हुई कि उन्होंने लाखों रुपए की सैलरी को ठुकरा दिया और 2021 में वह वापस भारत आ गई. लंदन से चलने पर उन्होंने यह प्रण लिया था कि अपने क्षेत्र की ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगी. जिसके लिए वह अपने जनपद बस्ती आ गई और एक शैक्षिक ट्रस्ट बनाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के कार्य में जुट गई और उनकी मेहनत रंग भी लाई कर्मा देवी शैक्षणिक संस्थान में आज पुरुषों से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं, जिन महिलाओं का जीवन स्तर सही मामलों में सशक्त हो चला है.


विदेश में ठुकरा दी लाखों की नौकरी
अंशु आज उन तमाम लोगों के लिए नजीर बनकर उभरी हैं, जो अच्छी सैलरी के लिए देश छोड़कर विदेश चले जाते हैं और बजाए देश को बढ़ाने के वह अपनी क्षमता दूसरे देश को आगे बढ़ाने में लगाते हैं, क्योंकि अंशु भी चाहती तो उनके पास विदेश की अच्छी जीवन शैली और लाखों की सैलरी थी लेकिन उन्होंने अपने देश के लिए यह सब ठुकरा दिया और अब वह अपने देश में आकर अपनी क्षेत्र की महिलाओं को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.


महिलाओं को बना रहीं सशक्त
मीडिया से बातचीत के दौरान अंशु सिंह ने कहा कि भारत में महिला को सशक्त बनाने के लिए हम राह पर हैं अगर हम बात करें बाहर की तो विदेशों में महिलाएं बढ़-चढ़कर हर फील्ड में काम कर रहे हैं जिसको देखते हुए भारत में भी केंद्र सरकार इस दिशा में काम कर रही है बात करें अगर हमारे संस्थान की तो 60% से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं, और इतना ही नहीं ग्रामीण महिलाओं को भी सशक्त बनाने के लिए लगातार में शिक्षित करने का काम किया जा रहा है. बात करें अगर तुलना की तो विदेश में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है तो वही भारत के लोगों की धारणा महिलाओं को घर संभालने की जिम्मेदारी देने की है लेकिन यह धारणा तेजी से बदल रही है और महिलाएं भी अब आगे आकर इस मिथक को तोड़ रहीं हैं.


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