बस्ती, एबीपी गंगा। बस्ती के युवाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राम मन्दिर निर्माण का रास्ता साफ कर रोजगार के बड़े द्वारा खोल दिए हैं। दरअसल, बस्ती जिला प्रशासन ने शासन के नाम एक खत लिखा है। खत में जिला प्रशासन ने राम मंदिर मसले को लेकर अपने रूख को साफतौर से स्पष्ट किया है। जिला प्रशासन ने अपने इस खत में बताया है कि बस्ती को जल्द ही कॉरिडोर के माध्यम से अयोध्या से जोड़ा जाएगा।


डीएम के निर्दशानुसार मखौड़ा को अयोध्या तक रामायण सर्किट से जोड़ने के लिए विशेष टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया। ये टीम स्थलीय निरीक्षण कर अगले हफ्ते में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर जिलाधिकारी को अनुमोदन के लिए देगी।


दरअसल, राम मंदिर के लिहाज से बस्ती का अपना एक अलग व अहम महत्व है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, बस्ती ही वो जगह है जहां पर राजा दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें पुत्रों की प्राप्ति हुई थी इसलिए बस्ती का गहरा संबंध भगवान राम के जन्म से माना जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर मांग की है कि बस्ती को कॉरिडोर बनाकर अयोध्या से जोड़ा जाए।


वहीं, इस कॉरिडोर से यहां के लोगों को व्यापक स्तर पर रोजगार मिलेगा क्योंकि कॉरिडोर बन जाने से यह क्षेत्र पर्यटन के रूप में उभरेगा। भगवान राम के जन्म से जुड़े होने के कारण पर्यटकों को अयोध्या को देखने के साथ ही बस्ती को देखने की भी जिज्ञासा होगी। कॉरिडोर के बन जाने से बस्ती में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ेंगी जिससे व्यपार को नई उर्जा मिलेगी। इसका सीधा फायदा यहां के युवाओं को मिलेगा। कॉरिडोर के बन जाने से यहां ट्रेवल एजेंसियों में भी इजाफा देखने को मिलेगा, जो सीधे तौर पर युवाओं के रोजगार दिलाएगा।


डीएम आशुतोष निरंजन ने बताया कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में पर्यटकों का आगम बढ़ जाएगा। डीएम ने बताया कि श्रीराम के जन्म से जुड़ी हुई बस्ती में कई मुख्य जगह हैं जिसकी वजह से अयोध्या आने वाले पर्यटक बस्ती भी आएंगे। इसी के मद्देनजर शासन को पत्र लिखकर कॉरिडोर बनाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा कमेटी बनाकर मखौड़ा और अन्य स्थलों की जांच भी की जा रही है।