UP News: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि और समय तय होने के बाद अवधपुरी की संपूर्णता का सफर अब अंतिम दौर में है. नव्य अयोध्या में भव्य राम मंदिर का अलौकिक दृश्य है. राम की पैड़ी का सुंदर नजारा और कुंड भी दमकते नजर आयेंगे. राम मंदिर के चारों तरफ हरियाली से भरा पंचकोसी परिक्रमा मार्ग और सिंह द्वार से श्रद्धालुओं को रामलला के पास ले जाने को जन्मभूमि मार्ग भी है. 22 जनवरी को दोपहर साढ़े बारह बजे जगत के स्वामी मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम बाल स्वरूप में विराजमान होंगे.


22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खास मौके के साक्षी बनेंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बतौर यजमान शामिल होंगे. पीएम मोदी राम मंदिर में प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अनुमान है कि आयोजन संपन्न होने के बाद अयोध्या में रोज लगभग 5 से 10 लाख तक की भीड़ जुट सकती है. सुरक्षा के लिहाज से रणनीति बनाई जा रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. 


इन हस्तियों को भेजा जाएगा आमंत्रण


श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि तैयारी भव्य आयोजन को देखते हुए की जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के चार हजार साधु-संतों को विशेष तौर से आमंत्रित किया जाएगा. खेल जगत, कला, वैज्ञानिक, चार्टर्ड एकाउंटेंट, नामी वकील, सेवानिवृत्त न्यायाधीश, दुनिया में अलग अलग जगहों पर रहे पूर्व राजदूत, साहित्य, भूतपूर्व सैनिक, सेवानिवृत पुलिस अधिकारी, महत्वपूर्ण मंदिरों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में बुलाए जाएंगे.


राम जन्मभूमि मंदिर पर जीवन बलिदान करनेंवालों के वंशज, अनुसूचित जाति-जनजाति और घुमंतू जाति, वनवासी लोगों को भी न्योता भेजा जाएगा. 22 जनवरी को दोपहर साढ़े बारह बजे मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. विवादित परिसर से लेकर टेंट में और अब अस्थायी मंदिर में रामलला की निरंतर पूजा करने वाले रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास को बेसब्री से ऐतिहासिक पल का इंतजार था. उन्होंने बताया कि इंतजार के पल बहुत कठिन थे.


अयोध्या के सौंदर्यीकरण का काम जारी


अब सारा कार्यक्रम तय होने के बाद बहुत चाव से प्राण प्रतिष्ठा की पूरी विधि समझा रहे हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले अयोध्या को सजाया- संवारा जा रहा है. दो राय नहीं है कि राम का विस्तार संपूर्ण संसार में है. सनातन परंपरा के आराध्य भगवान श्रीराम को दक्षिण में भी पूजा जाता है. ऐसे में दुनिया के कोने कोने में बैठे राम भक्तों को सीधे आराध्य से जुड़ने का मौका देने की तैयारी चल रही है.


अयोध्या के सभी घाटों का स्वरूप निखारा जा रहा है. करीब चालीस कुंडों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. श्रद्धालुओं के मंदिर को जाने वाले मार्ग पर भव्य सिंह द्वार बनाया जा रहा है. परिक्रमा मार्ग पर काम बेहद तेजी से चल रहा है. साथ-साथ राम पथ बनकर भी तैयार है. नव्य अयोध्या की तस्वीर से राम की नगरी मुस्कुरा रही है. श्रद्धालुओं को भी अविस्मरणीय अनुभूति हो रही है. 


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