आजमगढ़ में पंचायत चुनाव से पहले 409 लोगों को मृतक और विवाहिता दिखाकर किया वोटर लिस्ट से बाहर, ग्रामीणों ने लगाई मदद की गुहार
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक गांव के 409 लोगों को मृतक और विवाहिता दिखाकर वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिया गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान और बीएलओ पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया है.
लखनऊः आजमगढ़ जिले के एक गांव के 409 लोगों को मृतक और विवाहिता दिखाकर वोटर लिस्ट से नाम कटवा दिया गया. ये सारा खेल सिर्फ आगामी होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर किया गया. ग्रामीणों का आरोप है कि निवर्तमान ग्राम प्रधान और बीएलओ की मिलीभगत से यह सब हुआ है.
ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
जिसके विरोध में ग्रामीण हाथों में पोस्टर बैनर लेकर विरोध करते नजर आए. ग्रामीण हाथों में 'साहब मैं जीवित हूं, सरकार मैं जीवित हूं, लिखी तख्तिंया लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ये सभी आजमगढ़ जिले के फूलपुर तहसील क्षेत्र के पूराराम जी गांव के ग्रामीण हैं.
409 लोगों को किया वोटर लिस्ट से बाहर
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और बीएलओ की मिलीभगत से गांव के 409 लोगों का नाम वोटर लिस्ट से मृतक और विवाहित दिखाकर काट दिया गया. जानकारी होने पर गांव के जागरूक लोग फूलपुर एसडीएम कार्यालय का चक्कर लगाने के साथ ही तहसील पर प्रदर्शन करते नजर आए हैं.
ग्राम प्रधान पर लगा आरोप
मामला आगे बढ़ता देख गांव के बीएलओ रामबदन बिंद ने ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायती प्रार्थना पत्र एसडीएम फूलपुर को सौंप आरोप लगाया कि गांव के प्रधान ने डरा धमकाकर वोटर लिस्ट से 409 लोगों का नाम कटवाया था. जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाए. बीएलओ और ग्रामीणों ने दिए शिकायती प्रार्थना पत्र के आधार पर एसडीएम फूलपुर रावेन्द्र सिंह लाव लश्कर लेकर गांव पहुंचे और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी.
मामले की होगी जांच
इस दौरान गांव में काफी गहमा-गहमी का माहौल देखने को मिला. एसडीएम ने इस मामले में रटा-रटाया जवाब देकर पल्ला झाड़ते नजर आये. उन्होंने कहा कि जांच की जा रही है जो भी तथ्य सामने निकलकर आएगा उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
वहीं प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने मांग की है कि जितने भी नाम वोटर लिस्ट से काटे गये सब गलत हैं, इसलिए सभी का एक बार फिर से वोटर लिस्ट में नाम जोड़ा जाय और जो लोग भी इस तरह का कृत्य किये है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. फिलहाल पंचायत चुनाव आते ही जोड़-तोड़, के साथ ही कई तरह के हथकंडे चुनाव जीतने के लिए अपनाये जाने लगे हैं.
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