UP Election 2022: यूपी कांग्रेस ने प्रदेश के सभी जिलों में प्रवक्ता बनाने का फैसला लिया है. इसके लिए इच्छा रखने वाले को परीक्षा और इंटरव्यू देना होगा. खास बात ये की कोई भी व्यक्ति प्रवक्ता बनने के लिए परीक्षा दे सकता है. प्रदेश में ये दूसरा मौका है जब कांग्रेस प्रवक्ता पैड के लिए परीक्षा कर रही है. इससे पहले जून 2018 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने प्रदेश प्रवक्ताओं के चयन के लिए परीक्षा करायी थी. हालांकि, उस परीक्षा में एग्जामिनर की भूमिका निभाने वाली प्रियंका चतुर्वेदी बाद में खुद ही कांग्रेस छोड़ शिवसेना में चली गयी थीं.
कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने 20 जून 2018 को कांग्रेस प्रवक्ताओं का पैनल भंग किया था. नए सिरे से पैनल के गठन के लिए 28 जून को प्रवक्ताओं के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था. परीक्षा के लिए विशेष तौर पर पार्टी की तत्कालीन राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी और नेशनल मीडिया को-ऑर्डिनेटर रोहन गुप्ता को भेजा गया था. हालांकि, 2019 में प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था. जबकि रोहन गुप्ता इस समय कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन हैं. उस समय की परीक्षा काफी चर्चा के साथ विवादों में भी रही थी. दिल्ली से भेजे गए प्रश्नपत्र लीक होने से जमकर हंगामा हुआ था. डेढ़ घंटे की परीक्षा में करीब 70 नए व पुराने चेहरे शामिल हुए थे. परीक्षा के बाद साक्षात्कार भी हुआ था. लिखित परीक्षा के दौरान नकल को लेकर भी काफी चर्चा रही थी. आइए अब आपको बताते हैं की तब लिखित परीक्षा में क्या सवाल पूछे गए थे.
2018 की परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रमुख सवाल
- उत्तर प्रदेश में कितने मंडल एवं जिले तथा ब्लॉक हैं
- उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कितनी आरक्षित सीटें हैं
- 2004 एवं 2009 में कांग्रेस कितनी सीटों पर जीती थी
- लोकसभा 2014 एवं 2017 विधानसभा में कांग्रेस को कितने प्रतिशत मत मिले हैं
- उत्तर प्रदेश में कितनी लोकसभा एवं विधानसभा सीटें हैं
- उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा में कितनी विधानसभा सीटें आती हैं
- किन लोकसभा सीटों पर मानक से कम या ज्यादा विधानसभा सीटें हैं
- योगी सरकार की असफलता के प्रमुख बिंदु क्या है
- मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियां क्या-क्या थी
- आज समाचार पत्र में तीन प्रमुख खबरें क्या है? जिन पर कांग्रेस प्रवक्ता बयान जारी कर सकें
- प्रमुख हिंदी / अंग्रेजी एवं उर्दू अखबार तथा चैनलों के नाम
प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय ने दी ये जानकारी
कांग्रेस की 2018 में हुई प्रवक्ता पद की परीक्षा में पूछे गए सवालों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार की परीक्षा में कैसे सवाल आएंगे. साल 2018 की परीक्षा में चयनित हुए प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय को ही इस बार की परीक्षा के लिए संयोजक बनाया गया है. उमाशंकर पांडेय ने कहा कि इस बार प्रश्नपत्र प्रदेश स्तर पर बनेंगे. परीक्षा में कांग्रेस के आजादी के पहले और आजादी के बाद कि भूमिका पर सवाल होंगे. इसके अलावा कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों, प्रदेश के मौजूदा हालात, प्रदेश की राजनीतिक दृष्टि से भौगोलिक स्थिति, प्रदेश के मौजूदा हालात, वर्तमान सरकार की नाकामियों पर भी सवाल पूछे जाएंगे. इंटरव्यू के माध्यम से उनकी पार्टी का पक्ष रखने की क्षमता को देखा जाएगा.
परीक्षा की घोषणा कर घिरी कांग्रेस
वहीं कांग्रेस इस परीक्षा की घोषणा के साथ ही सब तरफ से घिरती भी नज़र आ रही है. अन्य सियासी दलों ने कांग्रेस पर निशाना साधने शुरू कर दिया है. बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने तंज किया कि आखिर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के लिए परीक्षा कब होगी? उन्होंने कहा कि साफ समझ आता है कि कांग्रेस के पास तो प्रवक्ता तक के चेहरे नहीं. उनका कहना है कि इस परीक्षा के लिए भी लोग मिल जाये तो बड़ी बात है. वहीं, सपा प्रवक्ता सैयद ज़रीन कहती हैं कि कांग्रेस के इस फैसले से साफ पता चलता है कि उनका संगठन कितना कमज़ोर है कि प्रवक्ता तक के लिए लोग नहीं. उन्होंने कहा कि जब प्रवक्ता के चेहरे नही हैं तो विधानसभा चुनाव में क्या होगा.
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