एक्सप्लोरर

झुमके से लेकर सुरमे तक: बरेली की इन गलियों में घूमने जाना न भूले

बरेली शहर ने जरी से कारीगरी, बांस फर्नीचर से लेकर व्यापार के हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। यहां का सुरमा भी किसी पहचान का मोहताज नहीं है। दूर-दूर से लोग यहां से सुरमा लेकर जाते हैं।

झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में....यूं तो उत्तर प्रदेश का बरेली जिला प्राचीन इतिहास की धरोहर है, लेकिन बॉलीवुड के एवरग्रीन शॉग झुमका गिरा रे...ने इस शहर को देश के कोने-कोने में बैठे लोगों के बीच बहुचर्चित बना दिया। रामगंगा तट पर बसा यह शहर रोहिलखंड के ऐतिसाहिक क्षेत्र की राजाधानी था। बरेली शहर ने जरी से कारीगरी, बांस फर्नीचर से लेकर व्यापार के हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। यहां का सुरमा भी किसी पहचान का मोहताज नहीं है। दूर-दूर से लोग यहां से सुरमा लेकर जाते हैं। आप हम अपने इस सैर-सपाटे के सफर में आपको घुमाने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश के आठवें सबसे बड़े महानगर बरेली से। सबसे पहले हम आपको ऐसी जगहों पर घूमाने वाले हैं, जिसे आप soul of the city कह सकते हैं।

अहिच्छत्र फोर्ट

बरेली के आंवला तहसील रामनगर में स्थित अहिच्छत्र फोर्ट का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। यहां दक्षिण पांचाल का उल्लेख मिलता है। पांचाल की राजधानी द्रुपद नगर था। राजा द्रुपद की पुत्री द्रोपदी का स्वयंवर यहां रचाया गया था। ईसा पूर्व 100 ई.वी के आसपास यहां मित्र राजाओं का राज्य था। 1662-63 में तीन टीलों की खोज हुई थी, यहां स्तूप भी पाया गया। आज यह टीला खंडहर के रूप में दिखाई पड़ता है, जिसके बीचों-बीच पहाड़ीनुमा टीले पर भीम शिला खंड है, जिसे भीम गदा कहा जाता है। यह टीला पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में है। कहते है अगर बरेली आएं हैं और अहिच्छत्र फोर्ट नहीं आएंगे, तो आपका सफर अधूरा ही रहेगा, क्योंकि बरेली का इतिहास अगर जानना है तो यहां जाना तो बनता है।

क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च

सर्वधर्म सद्भाव भी भावना से बरेली शहर भी अछूता नहीं है। यहां का क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च इसका जीता-जागता उदाहरण है, जो कि सिविल लाइन्स में है। ये चर्च 145 साल पुराना है। कहते है इस चर्च के साथ ही इंडिया में मैथोडिज्म या कहे preaching की शुरुआत हुई थी। डॉक्टर विलियम बटलर जो कि एक ब्रिटिश मिशिनरी थे, उन्होंने इस चर्च की नींव रखी थी। क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च किसी भी बाहर के डोनेशन को नहीं लेता है, बल्कि कम्यूनिटी के लोग ही डोनेशन इकट्ठा करते है। यहां पर जगह-जगह पर कोड्स लिखे हुए हैं, तो कुछ न कुछ सीख देते हैं। इस चर्च को भी देखने लोग दूर दूर से आते हैं।

अलखनाथ मंदिर

लखनऊ और दिल्ली के बीच स्थिति बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है, जिसका एक कारण है कि बरेली शहर की चारों दिशानों में भगवान शिव के मंदिर स्थित है। इन्हीं में से एक है अलखनाख मंदिर, जो कि बरेली-नैनीताल रोड पर किले के करीब स्थित है और ये मंदिर आनंद अखाड़े द्वारा संचालित है। इस मंदिर को नागा साधुओं की भक्तस्थली भी कहते है। इस मंदिर का भी काफी महत्व है। मंदिर परिसर में कई मठ है जिसमें विभिन्न देवी-देवताओं को अधिष्ठापित किया गया है।  गाय, ऊँट और बकरी जैसे मवेशी यहाँ पाले जाते है। ये मंदिर हमेशा प्रार्थनारत और भजनों में रमें श्रद्धालुओं से भरा रहता है।

अलखनाथ मंदिर करीब 96 बिगाह परिसर में फैला हुआ है। वैसे तो यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन के महीनों में यहां की रौनक देखने वाली होती है। इस मंदिर के बारे में प्राचीन मान्यता है कि वर्षों पहले वैदिक धर्म की रक्षा के लिए इस मंदिर का निर्माण किया गया था, जब मुगल शासनकाल में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा पबा था और उनका जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा था,तब नागा साधुओं ने धर्म की रक्षा के लिए आनंद अखाड़े के बाबा अलाखिया को बरेली भेजा था। बाबा अलाखिया के नाम पर ही इस मंदिर का नाम अलखनाथ मंदिर पड़ा है।

त्रिवटी नाथ मंदिर

अब हमारा सफर एक ऐसी जगह पहुंच चुका है जो कि बरेली के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। हम बात कर रहे हैं, बरेली के प्रसिद्ध त्रिवटी नाथ मंदिर की, जो कि टिवरी नाथ मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। ये मंदिर प्रेमनगर इलाके में स्थित है। कहते हैं यहां दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस मंदिर की मान्यता है कि एक चारवाह त्रिवट वृक्षों की छाया में सो रहा था। तभी उसके सपने में भगवान भोलेनाथ आए और उससे कहने लगे कि मैं यहां विराजामान हूं और खुदाई करने पर दर्शन दूंगा। जब चारवाह जागा तो उसने भालेनाथ के आदेश का पालन किया और खुदाई शुरू कर दी। तभी त्रिवट वृक्ष के नीचे शिवलिंग के दर्शन हुए। उस समय से इस मंदिर का नाम त्रिवृटी नाथा पड़ा। कहते हैं यह शिवलिंग करीब 600 साल पुराना है। इस मंदिर में हर साल देश के प्रसिद्ध संतों का प्रवचन भी होता है। जिन्हें सुनने के लिए यहां पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है।

दरगाह आला हजरत

अब हम आपको बरेली की दरगाह आला हजरत ले चलते हैं। दरगाह-ए-अला हज़रत अहमद रजा खान की दरगाह है, जो 19वीं शताब्दी के हनीफी विद्वान थे, जो भारत में वहाबी विचारधारा के कट्टर विरोध के लिए जाने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर यहां आप कोई मन्नत लेकर आते हैं, तो वो मन्नत जरूर पूरी होती है। जब भी कोई बरेली आता है, तो इस दरगाह में अर्जी लगाना नहीं भूलता है।

खानकाह-ए-नियाजिया

बरेली की खानकाहे नियाजिया की भी अलग पहचान है। जो लोग किसी कारण से अजमेर में ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती नहीं जा पाते वो यहां आते हैं। ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स मुबारक के मौके पर बरेली की खानकाहे नियाजिया में हर साल कुल शरीफ की रस्म अदा की जाती है। वैसे तो हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज़ का उर्स पूरी दुनिया में मनाया जाता है लेकिन बरेली की खानकाह नियाजिया की अहमियत इसलिए भी है क्योंकि यहां ख्वाजा गरीब नवाज़ के रूहानी जानशीन हज़रत शाह नियाज़ बे नियाज़ की दरगाह भी है। खानकाहे नियजिया की मान्यता है कि अगर 17वीं रवी को यहां चिराग रोशन करेगा उसकी हर जायज मुराद पूरी होती है और ये सिलसिला लगभग 300 वर्षों से चल रहा है जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी जायरीन शिरकत करते है।

फन सिटी

भारत में फनसिटी नाम के कई मनोरंजक पार्क हैं, लेकिन बरेली का फन सिटी पार्क उत्तर भारत में सबसे बड़ा है। सभी आयु वर्ग के लोगों के लिये पार्क में मनोरंजन की भरपूर सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसलिए यह न सिर्फ बरेली वासियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आराम फरमाने और कुछ फुर्सत के पल बिताने के लिए लोकप्रिय जगह है। बता दें कि यह सुबह 11 बजे से शाम के 7 बजे तक खुलता है। तो आप अपनी फैमली, फ्रेंड्स के साथ आइए और यहां पर एन्जॉय कीजिए।

गांधी उद्यान

बरेली का गांधी उद्यान भी किसी पहचान का मोहताज नहीं, शहर के अधिकतर लोगों का यहां आना होता है। यहां लहराता 135 फीट ऊंचा तिरंगा इसकी शान को और बढ़ाए रखता है। ये सिविल लाइन्स बरेली में स्थित है। यहां आपको हर एजग्रुप के लोग दिख जाएंगे, बच्चों से लेकर बूढ़े-बुजुर्ग तक। यहां का वातावरण एकदम शांत हैं, तो अगर आप किसी पीसफुल जगह पर घूमने का मन बना रहे हैं, तो बरेली का गांधी उद्यान एक दम बेस्ट प्लेस होगा।

बुनकर गांव

अब हम आपको सैर कराने वाले हैं, जाफर खान सैलानी रोड की और यहीं वो जगह से जहां से शुरुआत हुई थी बरेली की embroidery और जरी के काम की। बरेली देशभर में अपनी जरी और embroidery के काम से अच्छी खासी पहचान बना चुका है। आधुनिक मशीनों के कारण embroidery के काम को बढ़ावा जरूर मिला है। हालांकि आज भी नए और पेंचिदा डिजाइन्स और सैमप्लस के लिए जो मशीन नहीं बना सकती है, उन्हें यहां के कारीगर बड़ी ही सफी से बना देते हैं। हैंडमेड embroidery की खूबसूरती और बारीकी, दूर-दूर से लोगों को यहां खींच लाती है।

यहां की संकरी गलियों से शुरू हुआ यह काम बरसों से पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है। सही मायनों में यहां के कारीगरों ने अपनी पारिवारिक धरोहर को संभाल कर रखा है।

पंजाबी मार्केट

अब अगर खरीददारी की बात करें, तो पंजाबी मार्केट यहां की फेमस मार्केट हैं, जो कि शहर के बिल्कुल बीचों-बीच है। यहां आप इंटरनेशनल ब्रांड से लेकर स्ट्रीट शॉपिंग तक के मजे उठा सकते हैं। बच्चों लेकर लेडीज जेंस हर किसी के लिए अब यहां से शॉपिंग कर सकते हैं। इस मार्केट के लिए कहा जाता है कि देश के बंटवारे के बाद पंजाबी फैमिली के लोगों ने यहां आकर अपनी दुकानें लगाईं, यहां पर ज्यादातर दुकानें पंजाबियों की हैं, इसलिए इसका नाम पड़ गया पंजाबी मार्केट। और अगर आप खाने-पीने के भी शौकीन है, तब भी यहां आना आपके बेस्ट रहेगा, क्योंकि यहां आपको खाने-पीने के लिए स्वादिष्ट आइटम मिल जाएंगे। इसके अलावा इस मार्केट से महज पांच मिनट की दूरी पर एक और मार्केट है, जिसका नाम है बड़ा बाजार। यहां आपको traditional कपड़ों का अच्छा खासा स्टॉक मिल जाएगा, कई सारे वेसाइटी भी मिल जाएगी। ज्यादातर लोग शादी-फंग्शन भी शॉपिंग के लिए बड़ा बाजार आना प्रीफर करते हैं।

बरेली की मशहूर चीजें

बरेली की मशहूर जगहों के जानने के बाद यह जानना भी जरूरी है कि आखिर बरेली की मशहूर चीजें क्या-क्या है, ताकि जब भी आप यहां घूमने आएं, तो सब भी explore करके ही अपने घर लौटें।

सुरमा

आंखों की चमक बढ़ाने वाला सुरमा यहां पर 200 साल से बनता आ रहा है। 200 साल से पहले दरगाह-ए-आला हजरत के पास नीम वाली गली में हाशमी परिवार ने इसकी शुरुआत की थी। अब यहां सुरमे का केवल एक कारखाना है, जिसे एम हसीन हाशमी चलाते हैं। कहते हैं कि पूरी दुनिया में सुरमा यहीं से सप्लाई होता है। सुरमा बनाने के लिए सऊदी अरब से कोहिकूर नाम का पत्थर लाया जाता है। जिसे छह महीने गुलाब जल में फिर छह महीने सौंफ के पानी में डुबो के रखा जाता है. सुखने पर घिसाई की जाती है. फिर इसमें सोना, चांदी और बादाम का अर्क मिलाया जाता है.

स्ट्रीट फूड

बरेली के सिविल लाइंस का स्ट्रीट फूड भी काफी मशहूर है। तो यहां अगर जाएं तो त्यागी रेस्टोरेंट, दीनानाथ की लस्सी, चमन चाट, छोटे लाल की चाट खाना ने भूलें।

और देखें
Advertisement
IOI
Don't Miss Out
00
Hours
00
Minutes
00
Seconds
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

कब खत्म होगी रूस-यूक्रेन जंग? पुतिन बोले- जेलेंस्की से बात करने को तैयार, अगर...
कब खत्म होगी रूस-यूक्रेन जंग? पुतिन बोले- जेलेंस्की से बात करने को तैयार, अगर...
Champions Trophy में कब-कब भिड़े हैं भारत-पाकिस्तान? अब तक कौन रहा आगे; जानें हेड-टू-हेड समेत पूरी जानकारी
चैंपियंस ट्रॉफी में कब-कब भिड़े हैं भारत-पाकिस्तान? अब तक कौन रहा आगे; जानें हेड-टू-हेड समेत पूरी जानकारी
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी.... 'सनम तेरी कसम' एक्टर हर्षवर्धन राणे ने सुनाई आपबीती
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी, एक्टर ने सुनाई आपबीती
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Mahakumbh 2025: आस्था पर सवाल....विधानसभा में बवाल ! | Chitra Tripathi | ABP News | Mahadangal | ABP NEWSMahakumbh 2025: महाकुंभ को लेकर सुधांशु त्रिवेदी का ये तर्क सुनकर चौंक जाएंगे आप! | Chitra Tripathi | ABP NEWSMahakumbh 2025: लाइव डिबेट में मर्यादा भूले संगीत रागी ने मुलायम सिंह पर ये क्या कह दिया? | ABP NEWSजानिए Mr. Rakesh Shukla से कैसे भारत में Fundraising Strategy करेगी Indian Economy को Boost | Paisa Live

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
कब खत्म होगी रूस-यूक्रेन जंग? पुतिन बोले- जेलेंस्की से बात करने को तैयार, अगर...
कब खत्म होगी रूस-यूक्रेन जंग? पुतिन बोले- जेलेंस्की से बात करने को तैयार, अगर...
Champions Trophy में कब-कब भिड़े हैं भारत-पाकिस्तान? अब तक कौन रहा आगे; जानें हेड-टू-हेड समेत पूरी जानकारी
चैंपियंस ट्रॉफी में कब-कब भिड़े हैं भारत-पाकिस्तान? अब तक कौन रहा आगे; जानें हेड-टू-हेड समेत पूरी जानकारी
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
'क्या बालिकाओं का घर से निकलना तक बंद हो जाएगा?' राजस्थान सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी.... 'सनम तेरी कसम' एक्टर हर्षवर्धन राणे ने सुनाई आपबीती
हॉस्टल में रहे वेटर, STD बूथ पर मिलती थी 10 रुपए दिहाड़ी, एक्टर ने सुनाई आपबीती
PAK vs NZ: कैसे फ्री में देखें पाकिस्तान-न्यूजीलैंड मैच? चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मुकाबले की लाइव स्ट्रीमिंग डिटेल्स
कैसे फ्री में देखें पाकिस्तान-न्यूजीलैंड मैच? चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मुकाबले की लाइव स्ट्रीमिंग डिटेल्स
Best Stocks For Today: शेयर मार्केट के बाजीगर निकले ये 10 स्टॉक, गिरते बाजार में भी लगा अपर सर्किट
शेयर मार्केट के बाजीगर निकले ये 10 स्टॉक, गिरते बाजार में भी लगा अपर सर्किट
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
महाकुंभ में गंगा के पानी को लेकर सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, मिला ये खतरनाक बैक्टीरिया
महाकुंभ में गंगा के पानी को लेकर सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट, मिला ये खतरनाक बैक्टीरिया
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.