भदोही: जेल में बंद हत्या के आरोपी के पास मिला दो सिमकार्ड और मोबाइल, प्रशासन की लापरवाही आई सामने
भदोही जिले के ज्ञानपुर कोतवाली स्थित जिला कारागार का है. यहां जेल निरीक्षण के दौरान विचाराधीन बंदी के बिस्तर के नीचे बड़ी बारीकी से छिपाया हुआ एक मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड बरामद हुआ है.
UP News: यूपी के भदोही जिला जेल में बंद हत्या के आरोपी के बिस्तर से दो सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद हुआ है. जेल में निरीक्षण के दौरान मोबाइल फोन मिलने से सनसनी मच गई है. हत्या के आरोप में बंद बंदी के खिलाफ जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार सिंह ने कारागार अधिनियम के तहत FIR दर्ज करवाया है.
हालांकि जिला कारागार में फोन मिलने पर जेल की सुरक्षा में तैनात अधिकारी और कर्मचारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. वहीं हत्या को अंजाम देने वाले मुख्य शूटर जनपद पुलिस से कोसों दूर अभी भी फरार चल रहे है. वहीं भाजपा नेता के स्कूल प्रिंसिपल हत्याकांड में शामिल लोगों की भूमिका एक बार फिर संदिग्ध दिखाई दे रही है. आरोपी कलीम के पास से मोबाइल फोन और दो सिमकार्ड मिलने पर प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह हत्याकांड की चर्चा फिर से शुरू हो गई है.
पुलिस की गिरफ्त से बाहर मुख्य आरोपी
दरअसल, पूर्व में दिन दहाड़े अंधाधुंध फायरिंग से प्रिंसिपल हत्या में शामिल तीन आरोपी पहले ही पकड़े गए है और गोली मारकर हत्या करने वाले दो मुख्य शूटर अभी भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर है. जेल में निरुद्ध हत्याकांड में रेकी करने वाले कलीम के बिस्तर से दो सिम कार्ड एक मोबाइल फोन बरामद होने से प्रिंसिपल की हत्या में फिर कोई झोल दिखाई दे रहा है.
पूरा मामला भदोही जिले के ज्ञानपुर कोतवाली स्थित जिला कारागार का है. यहां जेल निरीक्षण के दौरान विचाराधीन बंदी के बिस्तर के नीचे बड़ी बारीकी से छिपाया हुआ एक मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड बरामद हुआ है. जिला कारागार अधीक्षक अभिषेक कुमार सिंह के निर्देश पर सभी बैरकों की सघन तलाशी की जा रही थी जिसमें मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड मिला है.
जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि जेल निरीक्षण में बैरक नंबर दो में विचाराधीन बंदी कलीम के बिस्तर से मोबाइल और सिम कार्ड मिले है. आरोपी के विरुद्ध ज्ञानपुर कोतवाली में कारागार अधिनियम 1894 की धारा 42 के तहत मामला दर्ज करवाया गया है. जेल अधीक्षक अभिषेक ने बताया कि किसी भी गंभीर मामलों के आरोप में बंद आरोपियों से मिलने आने वाले लोगों को एलआईयू की निगरानी में मिलाया जाता है. उपरोक्त मामले में चूक कहा हुई है इसकी जांच की जा रही है.
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सीएम तक जा चुकी है शिकायत
भाजपा के बड़े नेता के नेशनल इण्टर कॉलेज के प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह की गोलियों से निर्मम हत्या करने के बाबत मामला सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी तक गई थी. इस प्रकरण में एडीजी जोन वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने खुद स्थलीय निरीक्षण किया था और कड़ी मशक्कत के बाद प्रिंसिपल योगेंद्र बहादुर सिंह की हत्या की सुपारी देने वाले को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
वहीं रेकी करने और शूटर से मिलवाने वाले आरोपी कलीम को भी गिरफ्तार जेल भेज दिया गया था. कुल तीन को लोग जेल में विचाराधीन है लेकिन हत्या को अंजाम देने वाले शातिर शूटर पुलिस महकमा के निगाह से बहुत दूर है. जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि जेल के अंदर मोबाइल और सिम कार्ड कैसे पहुंचा, कौन-कौन लोग इसमें शामिल है जैसे कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है.
हालांकि जिला कारागार में फोन मिलने पर जेल प्रशासन सहित हत्या में शामिल अन्य लोगों की भूमिका फिर संदिग्ध प्रतीत हो रही है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि दो-दो सिम कार्ड सहित मोबाइल बंदी के पास कैसे पहुंचा. जेल के मेन गेट से होते हुए आरोपी के पास पहुंचना लगभग नामुमकिन है तो किसी जेल कर्मी द्वारा ही इस काम को अंजाम दिया गया है.