Bhadohi News: यूपी के भदोही (Bhadohi) में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यहां एक सरकारी अस्पताल में प्रसूता की इलाज में लापरवाही बरतने और बाहर तय मेडिकल स्टोर से दवा मंगाए जाने का मामला पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से शिकायत के बाद प्रकाश में आया है. वहीं प्रदेश की राजधानी में हुई शिकायत पर आनन-फानन में जिलाधिकारी ने दो स्वास्थ्यकर्मी निलंबित कर दिए और अस्पताल के अधीक्षक को हटाते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजने की बात कही है.


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा मामला जनपद के औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है जहां प्रसव के लिए एक प्रसूता स्वास्थ्य केन्द्र आई थी, यहां प्रसूता के सीजर करने के लिए परिजनों को पहले चिकित्सक ने बाहर से चिन्हित मेडिकल स्टोर से दवा लाने के लिए कहा और जब परिजन किसी और मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर लाए तो डॉक्टरों ने नाराज़गी दिखाते हुए प्रसूता का इलाज करने से ही मना कर दिया और काफी मिन्नतों के बाद प्रसूता को मंडलीय अस्पताल मिर्ज़ापुर रेफर कर दिया. मामला गंभीर होने पर मंडलीय अस्पताल न जाकर प्रसूता के साथ लगी आशा कर्मी उसे एक निजी क्लीनिक ले गई जहां उसका ऑपरेशन से प्रसव हुआ और जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ है. 


उपरोक्त बातों की लिखित शिकायत पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से की है. शिकायती पत्र में भदोही जिलाधिकारी गौरांग राठी और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक के भी ऊपर आरोप लगाया है.


वहीं भ्रष्टाचार और लापरवाही के बाबत आरोपों से घिरे औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से हटाए गए अधीक्षक समीर उपाध्याय ने अपने को फसंता देख पूरे आरोपों पर गोलमोल सफाई देते हुए कहा है कि ऑपरेशन के समय फोन पर पता चला कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं है वो शादी समारोह में गए है और चार पांच घंटे बाद ही आएंगे. इस लिहाज से प्रसूता के हाई ब्लड प्रेशर और कंडीशन देखते हुए उसे मंडलीय अस्पताल रेफर किया गया था.बाहरी मेडिकल स्टोर से दवा लाने का आरोप सरासर गलत है, विधायक झूट बोल रहे है, अपनी राजनीति चमका रहे है. 


डीएम ने कही ये बात
सीएचसी अधीक्षक समीर उपाध्याय ने कहा कि अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध है, पूर्व मंत्री बीजेपी विधायक दीनानाथ भास्कर द्वारा उपरोक्त प्रसूता की कहानी निराधार है, प्रसूता के ऑपरेशन के लिए एक जरूरी दवा नही होने के चलते उसे मंडलीय अस्पताल मिर्ज़ापुर रेफर कर दिया था. जब इस बाबत जिलाधिकारी गौरांग राठी से पूछा गया तो उन्होंने नई कहानी बताते हुए कहा कि आशाकर्मी और एएनएम के कहने पर प्रसूता का प्रसव हुआ. उस प्राइवेट अस्पताल का पंजीकरण नही था जिसे सील करने और लापरवाही बरतने वाली आशाकर्मी और एएनएम को निलंबित करने और स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक को अन्यत्र जगह अटैच करने का आदेश दिया है. 


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