Uttar Pradesh News: यूपी के भदोही जनपद में स्वास्थ्य विभाग (UP health department) की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) में बाहरी लोगों से कई पुरुषों की नसबंदी करा दी गई. इसका फोटो वायरल (Viral Photo) होने के बाद फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है. इस मामले में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के रिपोर्ट तलब के बाद स्वास्थ्य महकमा नींद से जागा. सीएमओ (CMO) ने तीन स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी है. अब इस जानलेवा और घोर लापरवाही से हुई नसबंदी में कार्रवाई का इंतजार है. वहीं जनपद का स्वास्थ्य विभाग (Bhadohi health department) अब दोषियों को बचाने में लगा है.


झोलाछाप डॉक्टरों ने कर दी नसबंदी
पूरा मामला भदोही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां नसबंदी शिविर में आए पुरुषों के जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ किया गया. अक्टूबर माह में आयोजित परिवार नियोजन नसबंदी शिविर में पुरुषों की नसबंदी गुपचुप तरीके से बाहरी लोगों से करा दी गई. जिन बाहरी लोगों ने नसबंदी की उनके बारे में विभाग भी अनजान बना रहा. नसबंदी करने वाले डॉक्टरों को झोलाछाप बताया जा रहा है. 


कैसे खुली मामले की पोल
इस मामले की पोल तब खुली जब नसबंदी कार्यक्रम की वाहवाही लूटने के लिए नसबंदी करते हुए लोगों के साथ सेल्फी लेकर एक कर्मचारी ने कार्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप में भेज दिया और किसी ने इसे अन्य दूसरे ग्रुप में वायरल कर दिया. वायरल फोटो देखकर लोगों के कान खड़े हो गए क्योंकि फोटो में नसबंदी कर रहे दोनों डॉक्टरों को न तो स्वास्थ्य महकमा पहचान पाया और न ही आमजन. नसबंदी की वाहवाही लूटने के लिए बाहरी लोगों से नसबंदी करा दी गई और किसी ने इसकी शिकायत शासन से कर दी. इसपर सख्ती दिखाते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने भदोही के मुख्य चिकित्सा अधिकारी संतोष कुमार चक से जवाब तलब किया है.


सीएमओ ने इसपर क्या कहा
वहीं भदोही के जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) संतोष कुमार चक ने बताया है कि, नसबंदी के वायरल फोटो के बाबत तीन चार लोगों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है. आगे जैसा निर्देश आयेगा वैसे कार्रवाई की जाएगी.


हालांकि इस घोर लापरवाही और जानलेवा नसबंदी के मामले को मुख्य चिकित्साधिकारी सहित पूरा अमला दबाने में जुटा हुआ है. प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा रिपोर्ट मंगाए जाने के बावजूद वे गोलमोल जवाब दे रहे हैं. वे खुद कबूल भी कर रहे हैं कि वे लोग बाहरी हैं लेकिन उन्हें अच्छे होने का सर्टिफिकेट भी दे रहे हैं. साथ ही साथ ये भी बता रहे हैं कि जनपद में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच खूब राजनीति हो रही है और यह खुलेआम ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर राजनीति का अड्डा बना हुआ है. इस मामले के सामने आने से यह तो स्पष्ट हो गया है कि जनपद में स्वास्थ्य केंद्र में खुलेआम मनमानी और लापरवाही बरती जा रही है. देखना यह है कि अब सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की तरफ से क्या कार्रवाई होती है.


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